Chandra Grahan 2023: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज, जानें भारत में कब दिखाई देगा और क्या है सूतक काल का समय

यह ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है

Manmohan Prajapati
Update: 2023-10-28 05:54 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का खासा महत्व है और हर महीने के अंतिम दिन पूर्णिमा आती है। वहीं अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष इस पूर्णिमा (28 अक्टूबर 2023, शनिवार) पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, जो कि साल का आखिरी आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। बता दें कि, 14 दिन पहले साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा था, हालांकि यह भारत में नजर नहीं आया था। वहीं बात करें चंद्र ग्रहण की तो यह भारत के सभी राज्यों में दिखाई देगा।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यह ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है। चूंकि, ग्रहण सूतक काल भी मान्य होता है और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले यह शुरू हो जाएगा। जिसके बाद, ग्रहण मोक्ष तक सभी धार्मिक और सामाजिक कार्य करना वर्जित होता है। आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण कहां देगा दिखाई? और क्या है चंद्र ग्रहण और सूतक काल का समय...

चंद्र ग्रहण और सूतक काल का समय

आखिरी चंद्र ग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगने जा रहा है। इसकी शुरुआत रात 1 बजकर 5 मिनट पर होगी। बात करें सूतक काल की तो यह 9 घंटे पहले यानी आज शाम 04 बजकर 05 मिनट से शुरू हो जाएगा।

कहां कहां आएगा नजर

यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।

यहां देखें लाइव चंद्रग्रहण

चंद्रग्रहण को आप NASA के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर लाइव देख सकते हैं। इसके लिए आप इस लिंक https://www.youtube.com/@NASA पर क्लिक कर सकते हैं।

ग्रहण काल में क्या करें?

ग्रहण के वेध काल में तथा ग्रहण काल में भी भोजन नहीं करना चाहिए। देवी भागवत के अनुसार सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के समय जो मनुष्य जितने अन्न के दाने खाते हैं उतने वर्षा तक अरूतुंद नरक में वास करता हैं और उदर रोगी, गुल्मरोगी, काना तथा दंतहीन होता हैं।

ग्रहण काल में क्या ना करें?

कोई भी शुभ काम या नया कार्य नहीं करना चाहिए। ग्रहण समय में सोने से रोगी, लघुशंका से दरिद्र, स्त्री प्रसंग से सुअर तथा उबटन लगाने से कोढ़ी होता है। ग्रहण काल में तेल लगाना, भोजन करना, जल पीना, मल मूत्र त्यागना, बाल काटना, मंजन करना, रति क्रिया करना मना है। पत्ते, तिनके, फूल, लकड़ी नहीं तोड़ना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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