व्रत: साल की पहली मासिक शिवरात्रि पर इस विधि से करें भोलेनाथ की पूजा, जानें मुहूर्त

  • व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
  • व्रती करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है
  • इस तिथि को शिव-शक्ति का मिलन माना जाता है

Manmohan Prajapati
Update: 2024-01-06 10:53 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती की प्रिय रात्रि मानी जाती है। इसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है। वहीं पौष माह की मासिक शिवरात्रि 9 जनवरी 2024, मंगलवार को है। ऐसा माना जाता है कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ही शिव-शक्ति का मिलन हुआ था। शिवरात्रि के व्रत रखने का विधान है। कहा जाता है कि, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

भगवान शिव को समर्पित यह व्रत काफी फलदायी माना जाता है। इस व्रत के करने से हजारों यज्ञों का फल प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति का वास होता है। शास्त्रों में शिवरात्रि व्रत को सबसे उत्तम बताया गया है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस बात का रखें ध्यान

व्रत रखने वाले व्यक्ति को यह व्रत सुबह से चतुर्दशी तिथि रहते रात्रि पर्यंत तक करना चाहिए। रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और ‘ओम् नम: शिवाय’ का जप करते रहना चाहिए। 

चतुदर्शी तिथि कब से कब तक

तिथि आरंभ: 09 जनवरी को देर रात 10 बजकर 24 मिनट पर

तिथि समापन: 10 जनवरी की शाम 08 बजकर 10 मिनट पर

इस विधि से करें पूजा

शिवरात्रि व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना चाहिए।

शिव पूजा में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व प्रदान है।

इस दिन रुद्राभिषेक अवश्य करें।

इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक भी करें।

शिव जी की पूजा में शिव स्तुति, शिव पंचाक्षर मंत्र, शिव अष्टक, शिव चालीसा, शिव के श्लोक और सहस्त्र नाम का पाठ करें।

पूजा के दौरान कम से कम 108 बार ॐ नमः शिवाय का जाप करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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