बिल्वपत्र की जड़ों के पूजन से मिलती है लक्ष्मी, अपनाएं ये 4 तरीके

बिल्वपत्र की जड़ों के पूजन से मिलती है लक्ष्मी, अपनाएं ये 4 तरीके

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-19 03:13 GMT
बिल्वपत्र की जड़ों के पूजन से मिलती है लक्ष्मी, अपनाएं ये 4 तरीके

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शास्त्रों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि यदि शिव का पूजन करना है तो उन्हें बिल्वपत्र या बेलपत्र अवश्य ही अर्पित करना चाहिए। ये उन्हें अत्यधिक प्रिय है। माता पार्वती ने भी कठिन तप के दौरान शिव को बेलपत्र अर्पित किए थे और इसी बेलपत्र को स्वयं ग्रहण अन्य सभी वस्तुओं अन्न जल आदि का त्याग कर दिया था। किसी भी मंदिर या किसी भी ऐसे स्थान पर जहां शिव का वास माना जाता है बेलपत्र अवश्य ही चढ़ाई जाती हैं। लेकिन इस पेड़ के पत्तों अाैर फल के समान ही इसकी जड़ भी उतनी पूज्यनीय है। यहां हम आपको बेलपत्र की जड़ से जुड़ी ऐसी ही 4 बातों के बारे मे बताने जा रहे हैं...

 

 

1. बेलपत्र को स्वयं भी पूज्यनीय माना गया है। इसे श्रीवृक्ष भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इसके पत्तों में स्वयं शिव व मां पार्वती व जड़ में मां लक्ष्मी का वास होता है। देवी लक्ष्मी इन जड़ों में साक्षात निवास करती हैं। 

 

2. बेलपत्र जहां शिव को चढ़ाने का पुण्य है वहीं यदि कोई भी भक्त इसकी जड़ के पास खीर, मिष्ठान व अन्न अर्पित करता है तो उसे धन-धान्य की प्राप्ति होती है। दरिद्रता का वास कभी भी उसके घर में नही होता। 

 

3. ऐसी भी मान्यता है कि बेलपत्र की जड़ों का पूजन करने से सभी प्रकार के दुख, संताप दूर होते हैं और मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है। 

 

4. इस वृ़क्ष की जड़ों के पूजन का भी विधान है। धतूरे के साथ फूल और उसी पेड़ या अन्य पेड़ के बेलपत्र चढ़ाकर जड़ का पूजन किया जाता है। इससे मनुष्य को जीवन में विभिन्न सुखों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि बेलपत्र की जड़ का जल अपने माथे पर लगाने से समस्त रोगों का निदान होता ही है साथ ही समस्त तीर्थों का पुण्य भी प्राप्त होता है। 

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