कारागार की देवी, जेल, फांसी से बचने यहां चढ़ाया जाता है ताला

कारागार की देवी, जेल, फांसी से बचने यहां चढ़ाया जाता है ताला

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-23 04:22 GMT
कारागार की देवी, जेल, फांसी से बचने यहां चढ़ाया जाता है ताला

डिजिटल डेस्क,वाराणासी। नवरात्र के अवसर पर एक से बढ़कर के मंदिरों और देवी की महिमा के बारे में आपने सुना व देखा होगा, लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं वहां मां ताला चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं। कहते हैं कि मन्नत पूरी होती है यहां ताला अपने आप खुल जाता है। यहां तालों का चमत्कार लगभग हर दूसरे दिन ही देखने मिलता है। हम बात कर रहे हैं वाराणसी के बंदी देवी मंदिर की। नवरात्रि में भी मां के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। मां के मंदिर में लगे ताले और भक्तों की भीड़ बताते हैं कि भक्तों की इस मंदिर में कितनी आस्था है।   

कोर्ट केस चल रहा हो 

बंदी देवी माता को पाताल देवी और कारागार की देवी भी कहा जाता है। कहते हैं कि कारागार में बंद व्यक्ति का कोई रिश्तेदार यदि ताला चढ़ाकर मन्नत मांगे तो उसकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है। इसके अलावा भी कोई कोर्ट केस चल रहा है, किसी भी बंधन में जकड़ा हुआ भक्त माता के चरणों में ताला अर्पित करने से सभी बंधनों से मुक्ति पाता है। 

फांसी के लिए 

माता की मूर्ति के सामने ही कुछ फंदे लगे हुए हैं। बताया जाता है कि फांसी की सजा प्राप्त किसी व्यक्ति के रिश्तेदार यदि उन फंदों को अपने गले में डालकर मन्नत मांगें तो पीड़ित को राहत मिलती है। माता की कृपा उन पर जरूर होती है। 

प्रचलित है ये कथा 

मां बंदी को लेकर एक कथा यहां खासी प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु की आज्ञा से देवी मां यहां आकर विराजीं थीं। तब से अब तक वे भक्तों के दुखों का निवारण कर रही हैं। यह मंदिर गंगा घाट पर बना है। प्राचीन कथा यह भी बतायी जाती है कि यहां मां बंदी ने ही अहिरावण के कारागार से भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त कराया था। बंधनों से छुड़ाने की वजह से ही देवी का नाम बंदी देवी पड़ा। 

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