स्वर्णमूर्ति, दक्षिण भारतीय शैली में दिल्ली में विराजीं हैं मां 'कात्यायनी'

स्वर्णमूर्ति, दक्षिण भारतीय शैली में दिल्ली में विराजीं हैं मां 'कात्यायनी'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-26 03:17 GMT
स्वर्णमूर्ति, दक्षिण भारतीय शैली में दिल्ली में विराजीं हैं मां 'कात्यायनी'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र के पावन अवसर पर आज हम आपको मां कात्यायनी के एक अद्भुत मंदिर की ओर लेकर जा रहे हैं। कात्‍यानी छतरपुर मंदिर या श्री अध्‍य कात्‍यानी शक्ति पीठ ए दक्षिण दिल्‍ली के छतरपुर में स्थित है। इस मंदिर का परिसर इतना बड़ा है कि इसे भारत के विशाल मंदिर में दूसरे स्थान पर रखा जाता है।  

बेहद अद्भुत 

मंदिर की नक्‍काशी दक्षिण भारतीय वास्‍तुकला में की गई  है, जो कि बेहद अद्भुत है। यहां की खास बात ये है कि तकरीबन 70 एकड़ भूमि में फैले से इस मंदिर में हमेशा ही निर्माण कार्य चलता रह है। यहां का विशेष श्रंगार किसी को भी अचंभित करने के लिए पर्याप्त है। मंदिर का निर्माण देवी मां के भक्त स्वामी नागपाल ने कराया था। अब उनकी समाधि भी मंदिर परिसर में ही बनी है। यहां यहां अंदर ही छोटे-बड़े 20 मंदिर बने हैं।

ऐसी है मन्नत की मान्यता

कात्‍यानी मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार पर एक बड़ा पेड़ खड़ा है जहां आप टहनियों पर धागा बांधकर भक्त मन्नत मांगते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों की मुराद पूरी होती है। 

दक्षिण भारतीय शैली 

मंदिर में सिर्फ नक्काशी और मन्नतें ही आकर्षण का केंद्र नही हैं, बल्कि यहां मां कात्यायनी की विशाल सोने की मूर्ति है। जिनका साजो-श्रंगार पूरा दक्षिण भारत की परंपरा से मेल खाता है। इनके आभूषण व वस्त्र भी पूर्णतः दक्षिण भारतीय शैली पर आधारित हैं। जिसकी वजह से यहां स्थान और भी अद्भुत दिखाई देता है। 

अन्य मंदिर 

मंदिर परिसर में भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, राधा-कृष्ण भगवान राम को समर्पित मंदिर भी हैं। इन सभी मंदिरों में दक्षिण व उत्तर भारतीय वास्‍तुकला शैली का मिश्रण स्पष्ट देखने मिलता है। नवरात्र अवसर पर यहां लाखों की संख्या में भक्त आते हैं।

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