VIDEO : यहां 'आरण्य' देवी की पूजा करके भगवान राम ने तोड़ा था धनुष, पढ़ें रोचक मान्यताएं

VIDEO : यहां 'आरण्य' देवी की पूजा करके भगवान राम ने तोड़ा था धनुष, पढ़ें रोचक मान्यताएं

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-27 03:39 GMT
VIDEO : यहां 'आरण्य' देवी की पूजा करके भगवान राम ने तोड़ा था धनुष, पढ़ें रोचक मान्यताएं

डिजिटल डेस्क, पटना। आरण्य देवी मंदिर, आरा भोजपुर बिहार में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यह स्थान अपने आप में प्राचीन विशिष्टताओं को समेटे हुए है। कहा जाता है कि यहां प्राचीन काल में सिर्फ आदिशक्ति की प्रतिमा थी और चारों ओर वन था। अज्ञातवास के दौरान पांडव आरा में कुछ वक्त के लिए ठहरे थे। इसी स्थान पर पांडवों ने आदिशक्ति की पूजा-अर्चना की थी। 

युधिष्ठिर को दिया स्वप्न 

ऐसी मान्यता है कि स्वयं देवी मां ने युधिष्ठर को स्वप्न देकर आरण्य देवी की प्रतिमा स्थापित करने के संकेत दिए थे। जिसके बाद धर्मराज युधिष्ठिर ने मां आरण्य देवी की प्रतिमा स्थापित की। द्वापर युग में  यहां राजा मयूरध्वज राज करते थे। वे अत्यंत ही धर्मपरायण थे। एक बार उनके शासनकाल में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के साथ यहां आये और राजा के दान की परीक्षा लेते हुए अपने सिंह के भोजन के लिए राजा से उनके पुत्र के दाहिने अंग का मांस मांगा। 

जब राजा और रानी मांस के लिए अपने पुत्र को आरा (लकड़ी चीरने का औजार) से चीरने लगे तो आरण्य देवी प्रकट हो गईं और उन्हें श्रीकृष्ण के बारे में बताया। तब इस स्थान का नाम ही आरा पड़ गया और देवी को आरण्य देवी अर्थात वन की देवी कहा जाने लगा। 

पूजन करके बढ़े आगे 

स्थानीय मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि भगवान राम, लक्ष्मण और विश्वामित्र जब जनकपुर धनुष यज्ञ के लिए जा रहे थे तो आरण्य देवी का पूजन करके ही गए थे। विश्वामित्र ने भगवान राम और लक्ष्मण को आरण्य देवी की महिमा के बारे में बताया था। इस स्थान की बेहद मान्यता है। दूर-दूर से लाेग माता के दर्शनों के लिए आते हैं। नवरात्र में इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। मां आरण्य देवी की पूजा सुबह से ही होने लगती है और शाम को बड़ी आरती होती है इस मंदिर में बड़ी प्रतिमा को सरस्वती और छोटी प्रतिमा को लक्ष्मी माना जाता है।

Similar News