भाई दूज आज ; बहन के घर भोजन से नहीं रहता यम का डर

भाई दूज आज ; बहन के घर भोजन से नहीं रहता यम का डर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-13 04:46 GMT
भाई दूज आज ; बहन के घर भोजन से नहीं रहता यम का डर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्रिपुष्कर योग में आज शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उसके दीर्घायु होने की कामना करती है। उत्तर भारत में भाई दूज पर गोबर की दूज बनाकर के पूजन व उसी स्थान पर कथा पढ़ने का विधान है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर भोजन करता है उसे यम का भय नहीं रहता। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि ये आशीर्वाद स्वयं यम ने अपनी बहन यमुना को दिया था। 

भाई दूज की कथा 

भगवान सूर्य की पत्नी का नाम छाया था।  उन्होंने यमराज तथा यमुना का जन्म दिया था। यमुना यमराज को बहुत स्नेह करती थी। वह उससे हमेशा कहा करती थी कि वह इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करें। किंतु व्यस्तताओं के चलते यमराज यमुना की बात को टाल जाते थे। एक बार यमुना ने यम को अपने यहां निमंत्रण में आने के लिए वचनबद्ध कर लिया। यह दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि थी। 

यमुना को वचन देने के बाद यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है। उसका पालन करना मेरा कर्त्तव्य है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यमुना ने स्नान कर पूजन करके विभिन्न प्रकार के  व्यंजन भाई को परोसे। यमुना के सत्कार ने यमराज को भावविभोर कर दिया। जिस पर यमराज ने यमुना को वर मांगने के लिए कहा। 

यमुना ने कहा कि भाई आप हर साल इस दिन को हमारे घर आया करें। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करेए उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को बहुमूल्य वस्त्र और आभूषण देकर यमलोक चले गए। मान्यता है कि तभी से दूज को मनाने की परंपरा चल पड़ी। 

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