आचार्य रामचरण प्रभु जी महाराज की जयंती आज

आचार्य रामचरण प्रभु जी महाराज की जयंती आज

Manmohan Prajapati
Update: 2019-02-08 10:10 GMT
आचार्य रामचरण प्रभु जी महाराज की जयंती आज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य रामचरण प्रभु जी महाराज की 299वीं जयंती आज, सोमवार (18 फरवरी 2019) को मनाई जा रही है। प्रभुजी विजयवर्गीय समाज के प्रेरणा स्त्रोत रहे आचार्य रामचरण प्रभु जी की जयंती विजयवर्गीय समाज द्वारा मनाई जाती है। बता दें कि गुरु राम चरण या रामचरण जी महाराज अठारहवीं सदी के आरम्भ में राजस्थान के जयपुर में उत्पन्न एक संत थे। इन्होंने रामस्नेही संप्रदाय की स्थापना की। ये निर्गुण भक्ति शाखा के संत रहे। रामचरण प्रभु जी महाराज का जन्म माघ शुक्ला चतुर्दशी के दिन शनिवार, हिन्दी संवत् 1776 और 1719 ई॰ सन को हुआ था। 

इनका जन्म अपने ननिहाल में सोडा नामक ग्राम में हुआ था। यह स्थान जयपुर जिले के मालपुरा नामक नगर के समीप स्थित है। इनके पिताजी का नाम बख्तराम जी तथा माताजी का नाम देउजी था। ये मालपुरा के समीप बनवाडा नामक ग्राम के रहने वाले थे। वे विजयवर्गीय वैश्य समाज से और गौत्र कापडी था। स्वामी जी का बचपन का नाम रामकिशन था।

विनतीरामजी द्वारा लिखित जीवन चरित्र पुस्तक में इनके विवाह का उल्लेख किया है। उनका विवाह चांदसेन नामक ग्राम में, एक सम्पन्न परिवार में गिरधारीलाल खूंटेटा की कन्या गुलाब कंवर बाई के साथ हुआ। इस अवधि के आपके एक पुत्री का जन्म हुआ जिनका नाम जडाव कंवर था। 

सम्मानित पद पर आसीन
इन्होंने ने जयपुर राज्य के अन्तर्गत किसी उच्च पद पर निष्ठा पूर्वक राजकीय सेवा की। कुछ अन्य लेखकों एवं श्री लालदास जी की परची के अनुसार उन्होंने जयपुर राज्य के दीवान पद पर काम किया। उनके पिता के मोसर के अवसर पर राज्य की ओर से टीका पगडी का दस्तूर आना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि वे किसी सम्मानित पद पर आसीन रहे।

होते हैं विभिन्न कार्यक्रम
इनके गुरु कृपाराम जी महाराज थे जिन्होंने इन्हें राम भक्ति की शिक्षा दी। स्वामीजी रामचरण जी महाराज वैशाख कृष्ण पंचमी गुरूवार सं. 1855 को शाहपुरा में ही ब्रहम्लीन हुए। विजयवर्गीय वैश्य समाज आज के दिन अपने इष्टदेव प्रभु रामचरण महाराज की जयंती धूमधाम से मनाता है। इसके लिए विजयवर्गीय समाज के लोग पूर्व से ही व्यापक स्तर पर तैयारियां करते हैं। स्वामीजी की जयंती के पर समाज के लोग शोभायात्रा निकालते हैं। विशेष तैयारियों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, महाआरती का आयोजन किया जाता है।

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