चैत्र नवरात्रि : ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, मिलेगी सुख-समृद्धि
चैत्र नवरात्रि : ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, मिलेगी सुख-समृद्धि
डिजिटल डेस्क। चैत्र नवरात्रि रविवार से शुरू हो रही है। शक्ति की उपासना के लिए चैत्र नवरात्रि बेहद खास मानी जाती है। नवरात्रि के दिनों में मनुष्य अपनी भौतिक, आध्यात्मिक, यांत्रिक सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति के लिए व्रत और उपवास रखता है। ज्योतिष की दृष्टि से भी यह चैत्र नवरात्रि विशेष महत्व रखती है।
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की उपासना का दिन होता है। शैलपुत्री मां दुर्गा का ही एक स्वरूप है। माना जाता है कि मां शैलपुत्री सुख-समृद्धि की दाता होती हैं। नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्रप्ति होती है। शैलपुत्री की आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें प्रकृति स्वरूपा भी कहा जाता है।
पूर्व जन्म में मां शैलपुत्री का नाम सती था जो भगवान शिव की पत्नी थी। सती के पिता प्रजापति दक्ष ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था। जिससे रुष्ठ हो गईं और खुद को यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया। फिर अगले जन्म में सती ने राजा हिमालय के घर शैलपुत्री उनकी बेटी के रूप में जन्म लिया। हिमालय की पुत्री होने के कारण ये शैलपुत्री कहलाईं। भगवान शिव से इनका विवाह हुआ।
ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा
- मां शैलपुत्री की तस्वीर स्थापित करें।
- उसके नीचे लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछायें।
- इसके ऊपर केशर से शं लिखें और उसके ऊपर मनोकामना पूर्ति गुटिका रखें।
- हाथ में लाल पुष्प लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें।
इस मंत्र का जाप करें
"ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम:"
- मंत्र के साथ ही हाथ में रखे पुष्प और मनोकामना गुटिका को मां की तस्वीर के ऊपर छोड़ दें।
- इसके बाद भोग प्रसाद अर्पित करें और मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप 108 बार करें।
- मां शैलपुत्री से सभी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करें और श्रद्धाभाव के साथ आरती कीर्तन करें।