इस वर्ष शुभ योग लेकर आ रही है दिवाली, 5 दिनों में बन रहे कई संयोग

इस वर्ष शुभ योग लेकर आ रही है दिवाली, 5 दिनों में बन रहे कई संयोग

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-16 07:30 GMT
इस वर्ष शुभ योग लेकर आ रही है दिवाली, 5 दिनों में बन रहे कई संयोग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धनतेरस अर्थात 17 अक्टूबर मंगलवार से दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का श्रीगणेश होगा। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा करने से मनुष्य को उत्तम स्वास्थ और दीर्घ आयु की प्राप्ति व कुबेर पूजन से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस त्योहार की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 18 अक्टूबर की रात 11.34 बजे लग रही है जो 19 रात 11.42 बजे तक रहेगी। पूजन का प्रमुख समय प्रदोष काल माना जाता है। इसमें स्थिर लग्न की प्रधानता बताई जाती है। अतः दीपावली का प्रमुख पूजन मुहूर्त 19 अक्टूबर को स्थिर लग्न वृष राशि में शाम 7.15 बजे से 9.10 बजे तक के बीच अति शुभ है। 

कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 

इससे पहले स्थिर लग्नए कुम्भ राशि में दोपहर 2.38 बजे से शाम 4.10 बजे तक पूजन शुभ है। स्थित लग्न सिंह अमावस्या में नहीं मिलने से इस बार तीन की बजाए दो ही मुहूर्त मिल रहे हैं। अतः रात 11.42 बजे से पहले पूजन कर लेना चाहिए। इसके बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। 

आैर भी है खास

त्रयोदशी के अगले दिन यानि 18 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी के साथ छोटी दिवाली मनाई जाएगी। उसके बाद तीसरे दिन यानि कार्तिक अमावस्या 19 अक्टूबर को  सुबह 07.25 तक हस्त्र नक्षत्र रहेगा। चौथे दिन 20 अक्टूबर को अन्नकूट पूजा, पांचवे दिन 21 अक्टूबर को भैया (भाई ) दूज व चित्रगुप्त पूजन से प्रकोशोत्सव का समापन होगा। दिवाली की रात दीप जलाने के अतिरिक्त दीपदान भी करने का अत्यधिक महत्व है। रात को अंतिम प्रहर में लक्ष्मी की बड़ी बहन दरिद्रा अर्थात दरिद्र लक्ष्मी का निस्तारण किया जाता है। इस रात को लक्ष्मी-गणेश के साथ कुबेर की पूजा भी की जाती है। विष्णु के साथ लक्ष्मी मंत्र, श्रीयंत्र आदि का शुभ मुहूर्त में पूजन उत्तमकारी व अति फलदायी माना गया है।

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