जानिए क्या है व्रत -उपवास और इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण

जानिए क्या है व्रत -उपवास और इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-13 05:02 GMT
जानिए क्या है व्रत -उपवास और इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण


डिजिटस डेस्क। किसी उद्देश्य की प्रप्ति के लिए दिनभर के लिए अन्न, जल का त्याग करना व्रत कहलाता है। किसी कार्य को संपन्न करने के लिए लिया जाने वाला संकल्प भी व्रत कहलाता है। व्रत को धर्म का साधन माना गया है। उपवास का अर्थ ईश्वर या इष्टदेव के समीप बैठना होता है। भारतीय संस्कृति में व्रत तथा उपवास का इतना अधिक महत्व है कि हर दिन कोई न कोई उपवास या व्रत होता ही है। सभी धर्मों में व्रत उपवास की आवश्यकता बताई गई है, इसलिए हर व्यक्ति अपने धर्म परंपरा के अनुसार उपवास या व्रत करता है। वास्तव में व्रत उपवास का संबंध हमारे शारीरिक एवं मानसिक शुद्धिकरण से है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। 

कितने प्रकार के होते हैं व्रत ?

1. नित्य व्रत 
2. नैमित्तिक व्रत
3. काम्य व्रत

 

 

नित्य व्रत : भगवान को प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से किया जाने वाला व्रत नित्य व्रत कहलाता है। जिसमें ईश्वर भक्ति या आचरणों पर जोर दिया जाता है, जैसे सत्य बोलना, पवित्र रहना, इंद्रियों का निग्रह करना, क्रोध न करना, अश्लील भाषा का प्रयोग न करना और किसी की निंदा न करना, प्रतिदिन ईश्वर भक्ति का संकल्प लेना आदि नित्य व्रत के अंतर्गत आता है। इनका पालन नहीं करने से मानव दोषी माना जाता है।

 

 

नैमित्तिक व्रत : नैमित्तिक व्रत किसी प्रकार का पाप हो जाने या दुखों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। अन्य किसी प्रकार के निमित्त के उपस्थित होने पर चांद्रायण प्रभृति, तिथि विशेष में जो व्रत किए जाते हैं वे नैमित्तिक व्रत कहलाते हैं।

 

 

काम्य व्रत :  किसी कामना के लिए किया जाने वाला व्रत काम्य व्रत कहलाता है। जैसे पुत्र प्राप्ति के लिए, धन- समृद्धि के लिए या अन्य सुखों की प्राप्ति के लिए किया जाने वाला व्रत काम्य व्रत है।

 

 

 

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्या महत्व है व्रत, उपवास का

व्रत उपवास रखने के लिए धार्मिक आस्था जितनी आवश्यक है उतना ही इसे रखने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। आजकल की लाइफस्टाइल में अधिकतर लोग ज्यादा वजन से परेशान हैं। असंतुलित खान-पान और अनियमित दिनचर्या के परिणामस्वरूप शरीर में फैट बढ़ने लगता है, जिससे हमारा शरीर बीमारियों से घिर जाता है। इसी तरह की कई बीमारियों से बचने के लिए भी व्रत-उपवास काफी कारगर सिद्ध होते हैं।

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