धनतेरस पर करें व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना, व्यवसाय में होगी उन्नति 

धनतेरस पर करें व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना, व्यवसाय में होगी उन्नति 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-03 10:58 GMT
धनतेरस पर करें व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना, व्यवसाय में होगी उन्नति 

डिजिटल डेस्क, भोपाल। धनतेरस के दिन यूं तो कई सारे यंत्रों की स्थापना की जाती है, जिससे धनवृद्धि हो सके। व्यापार में विशेष लाभ प्राप्त करने के लिए इस दिन व्यापार वृद्दि यंत्र की स्थापना भी की जाती है। इसकी स्थापना से भाग्य में वृद्धि और व्यवसाय में उन्नति प्राप्त होती है। यह यंत्र व्यापार-व्यवसाय में तरक्की के साथ-साथ आय के नए साधनों को सृजित करता है। ऐसे जातक जिन्हें लगातार व्यवसाय में आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है, उनके लिए यह यंत्र बहुत ही लाभकारी है। व्यापार में होने वाली हानि, घाटा और नुकसान से बचने के लिए व्यापार वृद्धि यंत्र का उपयोग अवश्य करना चाहिए।

वैसे तो सभी यंत्र सर्वोपरि एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं किन्तु व्यापार वृद्धि यंत्र की संरचना बड़ी ही विचित्र है। इस यंत्र को धनदाता और सर्वसिद्धिदाता कहा गया है। व्यापार वृद्धि यंत्र की रचना भोजपत्र, तांबे, चांदी या सोने के पत्र पर या स्फटिक पर की जा सकती है। यह एक अत्यंत चमत्कारी यंत्र है लेकिन इसके चमत्कारी फलों का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि इसकी रचना शुभ समय कि जाए। इसमें रेखांकन शुद्ध हो और इसकी साधना विधि-विधान के साथ निष्ठापूर्वक की जाए। व्यापार वृद्धि यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करके उसकी पूजा प्रतिदिन करना चाहिए। इससे दरिद्रता दूर रहती है और व्यापार में सफलता प्राप्त होती है। यंत्र की पूजा करते समय लक्ष्मी मंत्र का जप करना चाहिए।

धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में व्यापार वृद्धि यंत्र के सम्मुख बैठकर लक्ष्मी मन्त्र से माला जप करने से धन का आगमन बना रहता है। व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए और पूजा करते समय यंत्र के ऊपर इत्र आदि का छिड़काव करना चाहिए तथा धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करना चाहिए इससे रोजगार में वृद्धि होती है। इस यंत्र की नियमित रूप से पूजा पाठ एवं माला जप करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा फूल, लड्डू, नारियल इत्यादि से करनी चाहिए। व्यापारियों, दुकानदारों को इस यंत्र की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर उसे अपनी दुकान या कार्यालय में विधिपूर्वक स्थापित करना चाहिए, व्यापार में यदि दिन-रात परिश्रम करते रहने पर भी उचित लाभ नहीं हो रहा है या घाटा हो रहा हो तो उन लोगों को ऐसे में व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना पूर्व अथवा उत्तर दिशा में करनी चाहिए। विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा कर स्थापित करना चाहिए। व्यापार वृद्धि यंत्र समस्त बाधाएं और कष्ट, क्लेश को दूर करता है।

कोई नया व्यापार आरंभ करते समय, या किसी भी साझेदारी हेतु लेन-देन करते समय व्यापार वृद्धि यंत्र का पूजन और दर्शन करने से सफलता प्राप्त होती है। जो व्यापार में समृद्धि तथा संपन्नता प्राप्त करना चाहते हैं और दरिद्रता आदि को समाप्त करना चाहते हों उन्हें पवित्र मन से धनतेरस की संध्या को व्यापार वृद्धि यंत्र के सम्मुख अग्नि में गाय के दूध का हवन और लक्ष्मी के मंत्र का जप करना चाहिए। प्रतिदिन लक्ष्मी मन्त्र से 108 बार अर्थात एक माला का हवन करें तो उसे लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।

व्यापार वृद्धि यंत्र बनवाने के लिए सर्वप्रथम भोजपत्र या समतल चांदी, सोने, तांबे या स्फटिक पतरा तैयार करें या करवा लें। इस पतरे पर व्यापार वृद्धि यंत्र की आकृति के अनुसार उत्कीर्ण करके इसके तैयार होने पर स्वयं या फिर किसी ब्राह्मण से प्राणप्रतिष्ठा करवा लेनी चाहिए। इसके पश्चात संकल्प, करन्यास, ध्यान और हवन करना चाहिए। इस प्रकार विधि-विधान से शोध कर उसके मंत्र का जप, तप, हवन, तर्पण आदि करने से यह व्यापार वृद्धि यंत्र सिद्ध हो जाता है और व्यक्ति को किसी भी वस्तु का कोई अभाव नहीं रहता है।

व्यापार वृद्धि यंत्र का महत्व 

व्यापार वृद्धि यंत्र को व्यापार से संबंधित स्थल में स्थापित करने तथा नियमित शुद्ध मन से पूजा करने से व्यापार में आने वाली रुकावटों का अंत हो जाता है तथा विकास में वृद्धि होती है, धन का आगमन होता है।
व्यापार में निरन्तर हानि या घाटा होने की स्थिति में इस यंत्र को अपने सम्मुख रखकर लक्ष्मी मंत्र जप करने से व्यापार में आश्चर्यजनक रूप से लाभ होता है। 
इस यंत्र की स्थाई प्रतिष्ठा करके अपने पास में रखने से अनेक प्रकार से व्यापार में लाभ होता है।
व्यापार वृद्धि यंत्र को धनतेरस के शुभ मुहूर्त में स्थापित करतें हैं तो इसका शीघ्र ही शुभ प्रभाव पड़ता है।
धनतेरस के दिन इस यंत्र की स्थापना के लिए शुभ माना जाता है।
इस यंत्र की विधिवत पूजा करने के बाद "ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नम:" लक्ष्मी मंत्र का जाप करें। 
व्यापार वृद्धि यंत्र को घर, कार्यालय या दुकान में स्थापित करें और प्रतिदिन इस यंत्र की पूजा करें। 
इस व्यापर वृद्धि यंत्र को स्थापित करने से सर्वसमृद्धि प्राप्त होती है एवं कभी धन का आभाव नहीं होता है। 

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