इन चार लोगों को अपने द्वार से खाली हाथ ना भेजें , अन्यथा हो सकते हैं आप दुर्भाग्यशाली
इन चार लोगों को अपने द्वार से खाली हाथ ना भेजें , अन्यथा हो सकते हैं आप दुर्भाग्यशाली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सभी पुराण, धर्मशास्त्रों के अनुसार ‘दान’ को बहुत बड़ा पुण्य माना गया है। यह भी कहा जाता है कि दान करने से मनुष्य के कई पाप कट जाते हैं और उसे मृत्यु उपरांत स्वर्ग की प्राप्ति भी होती है। शायद इन्हीं मान्यताओं को आधार मानते हुए हिन्दू अनुयायी दान को इतना महत्व देते हैं और समय-समय से धार्मिक स्थलों या मंदिरों में जाकर दान-पुण्य कमाते हैं।
किंतु केवल धार्मिक स्थलों पर जाकर ही दान क्यों करना है ?
क्यों ना यह दान घर के दरवाजे पर आए किसी जरूरतमंद के लिए किया जाए ?
क्यों ना उसे आवश्यक वस्तुओं का दान कर्म किया जाए ?
मान्यता
शास्त्रों की एक मान्यता अनुसार यदि आपके द्वार पर बताए जा रहे ये चार लोग आते हैं तो कभी इन्हें खाली हाथ ना लौटाएं। यदि आपके पास उन्हें देने के लिए कुछ है तो उनको अवश्य कुछ ना कुछ दें। उन्हें दान करने से आपके घर में प्रसन्नता आती है कुंडली के कई दोष अपने प्रभाव से हीन हो जाते हैं।
आपके द्वार पर कोई भिखारी कुछ मांगने आए तो उसे खाली हाथ ना लौटाएं। कुछ पैसे, कपड़े या खाने योग्य कोई वस्तु आदि देकर भेजें।
यदि आपके घर या कार्यस्थल के द्वार पर किन्नर आए और कुछ मांगे तो उसे भी खाली हाथ ना भेजें। किन्नरों को दान करने से कुंडली में बुध ग्रह को मजबूती मिलती है जो कि धन और भाग्य का कारक मान जाता हैं। इसलिए किन्नरों को अवश्य दान करें। संभव हो तो इन्हें हरे रंग की कोई वस्तु दान कर दें।
यदि आपके द्वार पर कोई अपाहिज भिखारी या दिव्यांग व्यक्ति मदद की पुकार लगाने आए तो उसकी यथा योग्य सहायता अवश्य करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसे लोगों को शनि-राहु का प्रतीक माना जाता है और इनकी सहायता या इन्हें कुछ दान करने से आपकी कुंडली में इन पापी ग्रहों का बुरा प्रभाव कम हो जाता है।
यदि आपके द्वार पर कोई सलाहकार या ज्ञानी व्यक्ति या कोई संत-महात्मा आए तो उन्हें भी खाली हाथ ना जाने दें। उनसे ज्ञान प्राप्त करें, इनका आशीर्वाद लें और इन्हें उनके उपयोग की कोई वस्तु अवश्य ही दान करें। ऐसा करने से घर में प्रसन्नता बनी रहती है।