भौम प्रदोष: इस विधि से पूजा करने से कर्ज का होगा निपटारा, होगी मंगल ग्रह की शांति

भौम प्रदोष: इस विधि से पूजा करने से कर्ज का होगा निपटारा, होगी मंगल ग्रह की शांति

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-24 06:19 GMT
भौम प्रदोष: इस विधि से पूजा करने से कर्ज का होगा निपटारा, होगी मंगल ग्रह की शांति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भौम मंगल ग्रह को कहते हैं और मंगलवार के दिन जब प्रदोष का व्रत आता है, तब इसका महत्व बहुत बढ़ जाता है। भौम प्रदोष जो इस बार 2 अप्रैल 2019 को आ रहा है। यह दिन शतभिषा नक्षत्र होने से ख़ास हो गया है। वैसे तो हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। जब मंगलवार को जो प्रदोष व्रत होता तब इस दिन का बहुत ख़ास महत्त्व बड़ जाता है। भौम प्रदोष के दिन यदि कोई भी जातक भगवान शंकर की विधिवत पूजा करें। वह जीवन में कर्ज से कभी परेशान नहीं होता है और ना ही कभी-भी धन की कमी होती है। यदि आप कर्ज तले दबे जा रहें हैं तो भौम प्रदोष व्रत करना लाभदायी होता है। भौम प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की पूजा की जाती है और साथ में हनुमान जी की भी पूजा होती है। भौम प्रदोष की संध्या को हनुमान चालीसा का पाठ बहुत शुभकारी होता है। साथ ही कहीं आपका मंगल भारी है तो इस दिन प्रदोष व्रत करने से मंगल का अमंगल हटता है और लाभ मिलता है।

1- भौम प्रदोष व्रत के दिन व्रती सुबह स्नान कर भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए और व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए।
2- पूरे दिन मन में “ॐ नम: शिवाय” का जाप करें।
3- पूरे दिन व्रत रखें। यदि आप कुछ खाना चाहते हैं तो फल और दूध आदि खा सकते हैं।
4- त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सुर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन करना चाहिये।
5- भौम प्रदोष व्रत की पूजा संध्या समय 4:30 बजे से लेकर 7:00 बजे के बीच ही करें।
6- शाम को पूजा से पहले स्नान करें और उसके बाद साफ और स्वच्छ कपड़ा पहनकर ही पूजन करें।
7- पूजा करने से पहले पूजा घर को भी साफ करें।
8. पांच रंगों से रंगोली बनाकर मंडप तैयार करें।
9- कलश में शुद्ध जल भर लें।
10- कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करें।
11- “ॐ नम: शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए भगवान शंकर को जल अर्पित करें।
12- इसके बाद दोनों हाथ जो‌ड़कर शिव जी का ध्यान करें।
13- शिवजी का ध्यान करें और ध्यान के बाद भौम प्रदोष व्रत की कथा सुनें और सुनाएं।
14- कथा के बाद हवन करें और “ॐ ह्रीं क्लीं नम: शिवाय स्वाहा मंत्र से 108 बार आहुति दें।
15- इसके बाद शिवजी की आरती करें।
16- सबको प्रसाद वितरित करें उसके बाद फिर प्रसाद पायें।
 

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