शिव-पार्वती के मिलन का दिन है हरियाली तीज, इस विधि से व्रत रख सुहागन महिलाओं का बढ़ता है सौभाग्य

धर्म शिव-पार्वती के मिलन का दिन है हरियाली तीज, इस विधि से व्रत रख सुहागन महिलाओं का बढ़ता है सौभाग्य

Ankita Rai
Update: 2022-07-28 06:31 GMT
शिव-पार्वती के मिलन का दिन है हरियाली तीज, इस विधि से व्रत रख सुहागन महिलाओं का बढ़ता है सौभाग्य

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन का महिना त्योहारों से भरा हुआ होता है। सावन के महिने में हर एक दिन शिव जी की पूजा की जाती है। ऐसा करने से जीवन में सुख- समृद्धि आती है। सावन महिने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं, कि तीज का त्योहार पूरे साल में तीन बार मनाया जाता है, जिन्हें हरतालिका तीज, हरियाली तीज और कजरी तीज कहते हैं। हरियाली तीज को छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि हरियाली तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का मिलन हुआ था। इसी लिए इस व्रत का सुहागिन महिलाओं के जीवन में बहुत महत्व होता है। इस दिन सभी सुहागन महिलाएं अपने सुहाग की सलामती की कामना करती हैं और मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करती हैं। इस दिन सभी महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इसी के साथ कुवारी कन्याएं अपने मन चाहे वर के लिए व्रत रखती है। इस साल हरियाली तीज 31 जुलाई दिन रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन सुहागिन महिलाएं कैसे करें शिव पार्वती जी की पूजा तो चलिए आज हम आप को बताते हैं, कि कैसे करें हरियाली तीज पूजा और मंत्रों का जाप। 


हरियाली तीज पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
स्नान के बाद भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। 
इस दिन बालू मिट्टी के भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति इनके साथ शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश की भी मूर्ति बनाए। 
मूर्ति  बनाते समय भगवान का स्मरण करते रहें और पूजा करते रहें।

यह सब हो जाए तो माता को श्रृंगार का समाना अर्पित करें और वस्त्र अर्पित करें, भगवान शिव और माता पार्वती का आहवान करें। 
इस के बाद हरियाली तीज की कथा सुनें
पूजा खत्म कर के सास को सुहाग की थाली दें। अगर सास नहीं हैं तो घर की किसी भी बड़ी या सास के समान महिला को आप ये दे सकती हैं। 

माता पार्वती की आराधना के मंत्र 

ऊं उमायै नम:
ऊं पार्वत्यै नम:
ऊं जगद्धात्र्यै नम:
ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:
ऊं शांतिरूपिण्यै नम:
ऊं शिवायै नम:
भगवान शिव की आराधना के मंत्र 
ऊं हराय नम:
ऊं महेश्वराय नम:
ऊं शम्भवे नम:
ऊं शूलपाणये नम:
ऊं पिनाकवृषे नम:
ऊं शिवाय नम:
ऊं पशुपतये नम:
ऊं महादेवाय नम:

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