आज गुरू का उदय, नवंबर-दिसंबर माह में 15 दिन विवाह मुहूर्त

आज गुरू का उदय, नवंबर-दिसंबर माह में 15 दिन विवाह मुहूर्त

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-08 06:17 GMT
आज गुरू का उदय, नवंबर-दिसंबर माह में 15 दिन विवाह मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, भोपाल।  मार्गशीर्ष मास को हिन्दू पंचांग के अनुसार अगहन मास भी कहा जाता है। इसे भी शुभ कार्याें व पूजन के लिए उत्तम माना गया है। इसी माह में गुरूवार 9 नवंबर को गुरू तारा उदय हो रहा है। 16 नवंबर को सूर्य का राशि परिवर्तन हो रहा है, जिसके बाद 19 नवंबर से विवाह मुहूर्त प्रारंभ होंगे। 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गुरू एवं शुक्र को ग्रह तारा माना गया है। इनके अस्त होने पर किसी भी शुभ कार्य की अनुमति नही होती। यही वजह से कि इस वर्ष विवाह मुहूर्त देवउठनी एकादशी से प्रारंभ नही हो सके। प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि नौ माह शुक्र प्रभात काल में पूर्व दिशा में चमकता हुआ दृष्टिगोचर होता है। शुक्र की गति स्वाभाविक रुप से गुरू से तेज बताई गई है। 

वैवाहिक विवाह कार्यों के लिए गुरू और शुक्र का उदय होना बेहद आवश्यक है। शुभ कार्यों के लिए इसे अनिवार्य बताया गया है। लेकिन इस वर्ष देवउठनी पर गुरू अस्त चल रहे थे, जो अब नौ नवंबर को पुनः उदित हो रहे हैं। गुरू के अस्त होने की वजह से ही इस वर्ष विवाह मुहूर्त में देरी हुई। विवाह मुहूर्त के लिए देवउठनी का मुहूर्त स्वयंसिद्ध माना गया है, लेकिन इस वर्ष गुरू के अस्त होने विवाह मुहूर्त के योग नही बन सके थे। 

इस दिन हाेंगे शुरू

अब नवंबर और दिसंबर माह में 15 से अधिक शुभ मुहूर्त हैं, जिन्हें विवाह के लिए शुभ बताया जा रहा है। सूर्य प्रत्येक माह एक राशि में होते हैं इस तरह 12 माह में 12 राशियों में भ्रमण करते हैं। इनमें से 6 संक्रातियों में विवाह मुहूर्त नही होते। सूर्य जब मेष, वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशि में होते हैं तो विवाह मुहूर्त होते हैं, जबकि कर्क, कन्या, सिंह, तुला, धनु, मीन में सूर्य के होने पर विवाह वर्जित माने गए हैं। अब 16 नवंबर को सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं। विवाह मुहूर्त 19 से 12 दिसंबर तक रहेंगे। इसके पश्चात साल 2018 में 15 जनवरी मकर संक्राति से विवाह मुहूर्त प्रारंभ होंगे। 

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