होली 2020 : होलाष्टक पर नहीं किए जाते कोई भी शुभ कार्य, जानिए पौराणिक कारण

होली 2020 : होलाष्टक पर नहीं किए जाते कोई भी शुभ कार्य, जानिए पौराणिक कारण

Manmohan Prajapati
Update: 2020-03-04 02:22 GMT
होली 2020 : होलाष्टक पर नहीं किए जाते कोई भी शुभ कार्य, जानिए पौराणिक कारण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रंगों का त्यौहार "होली" देशभर में 10 मार्च को मनाया जाएगा। इसके एक दिन पहले होलिका दहन 9 मार्च को होगा। बता दें कि होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं। इस बार होलाष्टक 03 मार्च से शुरू हो चुके हैं, जो 9 मार्च (होलिका दहन) तक रहेंगे। होलाष्टक पर पर त्रिपुष्कर एवं गजकेसरी योग बन रहे हैं। हालांकि यहां बता दें कि होलाष्टक के दौरान किसी भी मांगलिक कार्य को करना अशुभ माना जाता है। 

होलाष्टक को अशुभ माने जाने के पीछे पौराणिक कारण तो है ही, ज्योतिष के नजरिए से भी होलाष्टक में ग्रहों की विपरित स्थिति होने से शुभ काम करने की मना ही होती है। इन 8 दिनों में ग्रह अपना स्थान बदलते हैं। ग्रहों के बदलाव की वजह से होलाष्टक के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता। मान्यता के अनुसार होलाष्टक के अशुभ होने के 3 कारण बताए गए हैं। इसके संबंध में दो पौराणिक कथाएं हैं। पहली भक्त प्रह्लाद और दूसरी कामदेव से जुड़ी हुई हैं।

1.भक्त प्रहलाद
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए आठ दिन तक कठिन यातनाएं थीं। आठवें दिन वरदान प्राप्त होलिका जो हिरण्यकश्यप की बहन थी, वो भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर बैठी और जल गई, लेकिन भक्त प्रहलाद बच गए थे।

2.रति पति कामदेव
कहते हैं कि देवताओं के कहने पर कामदेव ने शिव की तपस्या भंग करने के लिए कई दिनों में कई तरह के प्रयास किए थे। तब भगवान शिव ने फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि को कामदेव को भस्म कर दिया था। कामदेव की पत्नी रति ने उनके अपराध के लिए शिवजी से क्षमा मांगी, तब भोलेनाथ ने कामदेव को पुनर्जीवन देने का आश्वासन दिया।

3.ज्योतिषीय धारणा
ज्योतिषियों के अनुसार, होलाष्टक का प्रभाव तीर्थ क्षेत्र में नहीं माना जाता है, लेकिन इन आठ दिनों में मौसम परिवर्तित हो रहा होता है, व्यक्ति रोग की चपेट में आ सकता है और ऐसे में मन की स्थिति भी अवसाद ग्रस्त रहती है। इसलिए शुभकार्य वर्जित माने गए हैं।  

क्या करें
शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक के दिनों में जो व्रत किए जाते हैं, उनसे भगवान प्रसन्न होते हैं। अगर व्रत नहीं कर सकते तो इस समय में दान देना चाहिए।

क्या न करें
इन दिनों में शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इस समय में विवाह, गृह प्रवेश, निर्माण, नामकरण आदि शुभ कार्य वर्जित होते हैं। नए काम भी शुरू नहीं किए जाते हैं।

क्यों है मनाही
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दिनों में जो कार्य किए जाते हैं उनसे जीवन में कष्ट और पीड़ा आती है। कलह की आशंका ज्यादा रहती है। 

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