होलिका दहन: 499 साल बाद आया ये विशेष संयोग, आज रात 11 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन: 499 साल बाद आया ये विशेष संयोग, आज रात 11 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त

Manmohan Prajapati
Update: 2020-03-07 10:16 GMT
होलिका दहन: 499 साल बाद आया ये विशेष संयोग, आज रात 11 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रंगों का त्यौहार होली पूरे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जो कि इस वर्ष 9 मार्च 2020 को है। खास बात यह है कि इस बार होली पर पूरे 499 साल बाद ग्रहों का एक विशेष योग बन रहा है। ज्योतिषचार्य के अनुसार होली पर बृहस्पति अपनी राशि धनु तथा शनि अपनी राशि मकर में स्थित होंगे। यह एक प्रबल योग है जो दोनों ही बड़े ग्रहों की मजबूत स्थिति से बनने वाला एक विशेष ग्रह संयोग है। इससे पहले होली पर यह योग 3 मार्च 1521 को बना था।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन गुरु और शनि अपनी-अपनी राशि में होंगे। होली के दिन यह योग सुख, समृद्धि और शांति लाने वाला है। इस दिन बृहस्पति और मंगल भी एक साथ होंगे। इस संयोग में मांगलिक कार्य होंगे। गुरु और शनि एक साथ सूर्य नक्षत्र में आने से शुभफलदायक होंगे।

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इस योग में होगा होलिका दहन
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस साल होलिका दहन के वक्त भद्रा नहीं होगी। सर्वार्थ सिद्धि योग में होलिका दहन होगा। 9 मार्च को अशुभ माना गया भद्रा योग दोपहर 1:19 बजे तक ही रहेगा। वहीं प्रदोष काल में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6:35 से रात 11:05 बजे तक रहेगा। होलिका पर बृहस्पति और मंगल की युति बुद्धिजीवी वर्ग के लिए शुभ मानी जाती है।

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होली के बाद रंग पंचमी
सोमवार व पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से इस दौरान ध्वज योग रहेगा, जो यश-कीर्ति व विजय प्रदान करने वाला होता है। होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शाम के समय भद्रा रहित समय में किया जाना ही उत्तम है। भद्रा का स्वभाव उग्र होने के कारण इसमें होलिका दहन वर्जित है। इस दिन पूर्णिमा सूर्योदय से रात 11:30 तक रहेगी। इसके बाद 10 मार्च को होली खेलेंगे। रंगपंचमी 14 मार्च को होगी।

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