जानें इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त

होली भाई दूज 2023 जानें इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त

Manmohan Prajapati
Update: 2023-03-07 11:50 GMT
जानें इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में भाईदूज का अपना अलग महत्व है। होलिका दहन के दो दिन बाद यानी कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज या भ्रातृ द्वितीया का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 9 मार्च 2023, गुरुवार को मनाया जाएगा। ये दिन भाई-बहनों को समर्पित होता है। भाई-बहन के आत्मीय रिश्ते को दर्शाता एक पर्व है।

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करती हैं।भाईदोज के साथ ही इस दिन चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इस दिन के महत्व और पूजा विधि के बारे में...

मुहूर्त
द्वितीया तिथि आरंभ: 8 मार्च 2023, बुधवार शाम 07 बजकर 42 मिनट से 
द्वितीया तिथि समाप्त: 09 मार्च 2023, गुरुवार रात 08 बजकर 54 मिनट तक 

पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार भगवान सूर्य के तेज को सहन न कर पाने के कारण उनकी पत्नी संध्या उन्हें छोड़कर मायके चली गई थी। और अपने बच्चों के पास अपनी प्रतिकृति छाया को छोड़ गईं। यमराज और यमुना मां के प्यार से वंचित रहे। युमना की शादी के बाद यमराज बहन के बुलाने पर यम द्वितीया के दिन उनके घर पहुंचे। भाई की आने की खुशी में यमुना ने अपने भाई यमराज का खूब सत्कार किया। यमराज को तिलक लगा कर पूजन किया। तब से हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। खूब सत्कार किया यमराज को तिलक लगा कर पूजन किया। तब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।

कैसे करें तिलक
सुबह सूर्योदय के साथ ही स्नानादि से निवृत्त होने के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं। 
इसके बाद पूजा के स्थान को साफ करें और पूजा की तैयारी करें।
भाई घर पर है तो उसके लिए खाना बनाएं और यदि भाई घर से बाहर है तो उसे भोजन के लिए आमंत्रित करें।
पूजा की थाली में रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई, सुपारी या सूखा गोला आदि रखें।
पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश और विष्णु जी को तिलक करें।
अब चावल का चौक पूरकर लकड़ी के पाट पर भाई को उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख करके बैठाएं।
अब कुमकुम का टीका कर उसपर चावल लगाएं और कलावा बांधें। 
अब भाई का मुंह मीठा कराएं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।


 

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