बुध प्रदाेष आज : बीमारियों से मिलेगी राहत, जानें दिन के अनुसार महत्व

बुध प्रदाेष आज : बीमारियों से मिलेगी राहत, जानें दिन के अनुसार महत्व

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-10 04:11 GMT
बुध प्रदाेष आज : बीमारियों से मिलेगी राहत, जानें दिन के अनुसार महत्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का भी बहुत महत्व है। यह अन्य व्रतों के समान ही शुभ माना जाता है। प्रत्येक माह दो प्रदोष व्रत आते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। इस बार यह 15 नवंबर बुधवार को मनाया जा रहा है। गृह कलह, जीवन में असंतोष और विभिन्न दोषों के निवारण के लिए यह व्रत रखा जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और जन्म-मरण के चक्र व्यक्ति को मुक्ति मिलती है। 


पार कर जाता है भवसागर
प्रदोष व्रत में गौ दान अर्थात गाय को दान करने से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शिव एवं विष्णु का आशीर्वाद एक साथ प्राप्त होता है तथा यह भी कहा जाता है कि मृत्यु उपरांत मनुष्य गाय की पूछ पकड़कर भवसागर को पार कर जाता है। 

 

 


क्यों कहते हैं शनि और भौम प्रदोष व्रत

शनिवार को शनि प्रदोष, सोमवार को सोम प्रदोष, मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। अलग-अलग दिन पर पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व भी अलग-अलग ही है। हालांकि प्रत्येक में शिव की आराधना का महत्व बताया गया है। दिनभर के व्रत के बाद संध्याकाल में भगवान शिव का पूजन किया जाता है। 

 

ये है कथा

इस व्रत को लेकर विदर्भ देश के राजकुमार और अंशुमती की कथा भी प्रचलित है। कहा जाता है कि पिता की मृत्यु के पश्चात विदर्भ देश के राजकुमार वन में भटकने लगे थे। तभी एक भिक्षुक महिला उन्हें अपने साथ ले गई और पुत्र की तरह पालन पोषण करने लगी। वह अपने अन्य पुत्र के साथ राजकुमार को शांडिल्य ऋषि के आश्रम ले गई। जहां उसने प्रदोष व्रत की कथा, विधि सुनी इसके बाद इस व्रत का पारण किया और गंधर्व राजकुमारी अंशुमती से उनका विवाह हुआ। इसके पश्चात उन्होंने विदर्भ पर आक्रमण उसे जीत लिया। यह सब प्रदोष व्रत के प्रताप से हुआ। कहा जाता है कि तभी से यह व्रत रखने का महत्व है। 

 

हर दिन का महत्व 
रविवार - अच्छी सेहत एवं उम्र लम्बी के लिए।
सोमवार-  सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंगलवार- बीमारीयों से राहत के लिए।
बुधवार - सभी मनोकामनाएं एवं इच्छाएं पूर्ण होती है।
बृहस्पतिवार - इस दिन प्रदोष व्रत से दुश्मनों का नाश होता है।
शुक्रवार- वैवाहिक जीवन एवं भाग्य अच्छा होता है।
शनिवार- योग्य व बुद्धिमान संतान प्राप्त होती है।

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