पांच दिवसीय दीपोत्सव पर कैसे प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी, किन बातों का रखे विशेष ध्यान

पांच दिवसीय दीपोत्सव पर कैसे प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी, किन बातों का रखे विशेष ध्यान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-04 09:41 GMT
पांच दिवसीय दीपोत्सव पर कैसे प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी, किन बातों का रखे विशेष ध्यान
हाईलाइट
  • दिपोत्सव में मन को शांत रखकर खुशीयों का इजहार करें
  • दिवाली पर होता है मां लक्ष्मी का आगमन
  • धनतेरस से शुरु होता है दिपोत्सव का त्यौहार

डिजिटल डेस्क, भोपाल। दीवाली का पर्व हर साल कार्तिक कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है। इस बार यह त्यौहार 07 नवम्बर को मनाया जाएगा। इस बार दीपोत्सव 05 नवंबर धनतेरस से शुरु हो रहा है। भक्त इस दौरान दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते हैं। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि दीपोत्सव के दौरान हम ऐसे कार्य भूलकर भी न करें जिससे हमारे घर से मां लक्ष्मी रूठ जाएं। आइये जानते हैं कैसे मनाए जाते हैं दीपोत्सव के पांच विशेष त्यौहार।

धनतेरस
दिवाली से पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है।  इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती हैं। इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है। धनतेरस के दिन खरीददारी को शुभ माना जाता है। खासकर सोने-चांदी के बर्तन खरीदना काफी शुभ होता है। धनतेरस के दिन अपने घर और घर के आस-पास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

नरक चतुर्दशी
दिवाली उत्सव का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी अथवा रूप चौदस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल लगाकर स्नान करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करने वालों के वर्षभर के शुभ कार्य नष्ट हो जाते हैं। स्नान के पश्चात दक्षिण दिसा की ओर मुख करके यमराज से प्रार्थना करने पर व्यक्ति के वर्ष भर के पाप खत्म हो जाते हैं। 

दिवाली
कहा जाता है कि दीपावली की रात घर में मां लक्ष्मीजी का आगमन होता है, ऐसे में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए हमें दिवाली की रात सोना नहीं चाहिए और रात्रि जागरण करके मां लक्ष्मी की स्तुति करनी चाहिए। साथ ही लक्ष्मी चालीसा, मंत्र, लक्ष्मी सूक्त आदि का पाठ एवं जप भी करना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।           

दिवाली के दौरान न करें ये काम

  • दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए बिना स्नान किए फूल न तोड़ें, ऐसा करने से माता लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं। इसलिए स्नान करने के बाद साफ धुले वस्त्र पहनकर ही फूल आदि तोड़ें।
     
  • दीपावली पर मां लक्ष्मी के पूजन के लिए केवल ताजे फूलों का ही प्रयोग करें, मां लक्ष्मी को बासी फूल अथवा घर पर फ्रिज में रखे फूल न चढ़ाएं।
     
  • दिवाली के 5 दिवसीय त्यौहार के दौरान किसी का भी बजट बिगड़ सकता है, ऐसे में अपने मन को शांत रखकर त्यौहारों की खुशी का इजहार करें। इस दिन किसी से भी लड़ाई न करें।
     
  • दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के साथ ही घर के बड़ों का आशीर्वाद लेना अतिआवश्यक होता है। दीपावली के दिन जाने-अनजान में भी किसी बुजुर्ग का अपमान न करें।
     
  • मां लक्ष्मी को नशा करने वाले लोग पसंद नहीं है अत: दीपावली के दिन किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन न करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है।
     
  • दिवाली पर भारत में उपहार देने-लेने की प्रथा है। इस दिन किसी को भी भेंट देते समय मन में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रखना चाहिए।
     
  • दिवाली पर अपने घर पर आए कोई भी व्यक्ति को खाली हाथ न जाने दें।

गोवर्धन पूजा 
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है। आज के दिन प्रातः उठकर घर के सामने गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे पेड़ की डालियों एवं फूलों से सजाया जाता है। साथ ही गोवर्धन एवं गायों की पूजा की जाती है। इस दिन मंदिरों में भगवान को छप्पन भोग लगाकर उसे प्रसाद रूप में बांटा जाता है।

भाईदूज
गोवर्धन पूजा के बाद भाईदूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन यमराज की पूजा की जाती है। भाईदूज के दिन बहनें अपने भाइयों को आसन पर बैठाकर उनकी आरती उतारती हैं एवं तिलक लगाती हैं। वहीं भाईयों को अपनी क्षमता अनुसार बहन को वस्त्र, स्वर्ण आदि देकर आशीर्वाद लेना चाहिए। इस दिन भाई का अपने घर भोजन न करके बहन के घर भोजन करते हैं,  इससे उन्हे धन, यश, आयुष्य, धर्म, अर्थ एवं सुख की प्राप्ति होती है।

 


 

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