श्राद्ध पक्ष में खरीददारी करना सही है या गलत, जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?

पितृपक्ष श्राद्ध पक्ष में खरीददारी करना सही है या गलत, जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?

Manmohan Prajapati
Update: 2021-09-25 12:22 GMT
श्राद्ध पक्ष में खरीददारी करना सही है या गलत, जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष यानी श्राद्ध पक्ष के दौरान खरीददारी को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं। कुछ लोगों का मत है कि इन दिनों में किसी भी तरह की नई सामग्री नहीं खरीदी जानी चाहिए। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह समय शुभ होता है। अधिकांश घरों में श्राद्ध पक्ष के दौरान कोई भी मंगल कार्य नहीं किया जाता। कोई विवाह या कोई उद्योग कार्य की शुरुवात नहीं होती। इसी प्रकार श्राद्ध पक्ष के दौरान कोई नई वस्तु नहीं खरीदी जाती। 

इनमें कपड़े, गहने, गाड़ी व अन्य सामान के ना खरीदने की मान्यता आज तक चली आ रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सभी बातों में से कौन सी बात सही और कौन सी महज़ अंधविश्वास? आइए जानते हैं, क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र...

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दरअसल, हमने अपने बड़े बुजुर्गों से जो भी सुना उसे हम पीढ़ी दर पीढ़ी मान रहे हैं। लेकिन इनमें से कुछ मान्यताओं को ज्योतिष शास्त्र में अनैतिक बताया है। इन अनैतिक मान्यताओं के चलते पितृ पक्ष के दौरान लोग खरीदी को अशुभ मान कर खरीदी करने से बचते हैं। इस वजह से पितृ पक्ष के दौरान कई व्यापर और उद्योग धंधे मंदे पड़ जाते हैं। 

कहा जाता है कि इन दिनों पितृ अपने परिजनों के घर आते हैं इस दौरान कोई भी नई चीज़ खरीदने पर उन्हें समर्पित करना अनिवार्य होता है। जिससे खरीदी गई चीज में प्रेत का अंश होता है। लोगों की यह भी मान्यता है कि इन दिनों श्राद्ध कर्म करके पितरों की सेवा करना चाहिए ना कि कोई नई चीज खरीदना चाहिए। ऐसा ना करने से पितृ नाराज होते हैं।

वहीं ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से यह सभी धारणाएं गलत हैं। बल्कि हमारे पितृ तो नई चीजों को आता देख खुश होते हैं। उन्हें प्रसन्नता होती है कि हमारे बच्चे सफल हो रहे हैं। श्राद्ध पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करके व दान पुण्य करके पितृ का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। केवल मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन संस्कार, नींव पूजन, मुंडन, गृह प्रवेश आदि करना अशुभ बताया गया है। 

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कहीं न कहीं 16 दिनों के श्राद्ध पक्ष को अशुभ कहना गलत है क्योंकि श्राद्ध पक्ष के पहले श्री गणेश की पूजन होती है। श्राद्ध पक्ष की शुरुवात श्री गणेश से होती है और ठीक श्राद्ध पक्ष के बाद नवरात्र आते हैं।

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