कुंडली के हिसाब से ऐसी थी उतार-चढ़ाव से भरी अटलजी की जिंदगी

कुंडली के हिसाब से ऐसी थी उतार-चढ़ाव से भरी अटलजी की जिंदगी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-17 03:16 GMT
कुंडली के हिसाब से ऐसी थी उतार-चढ़ाव से भरी अटलजी की जिंदगी
हाईलाइट
  • अटल जी का जीवन कई मिश्रित प्रतिभाओं
  • गुणों का मेल है।
  • अटल जी के भाग्य में देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचना लिखा था
  • लिहाजा वो तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने।
  • सबके चहेते रहे अटलजी
  • राजनीतिक विपक्षी भी करते थे तारीफ

डिजिटल डेस्क। अटल जी का व्यक्तित्व कुछ ऐसा रहा कि वो हमेशा हर किसी के चहेते रहे। 50 वर्षों तक लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करना कोई मामूली बात नहीं, इससे पता चलता है कि अटल जी किस तरह नेतृत्व क्षमता के धनी थे। उनके भाग्य में देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचना लिखा था, लिहाजा वो तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। 

वाजपेयीजी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 की दोपहर 2 बजे मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। कुंडली के अनुसार उनके जीवन को देखा जाए तो उनकी कुंडली मेष लग्न की है। कुंडली में लग्नेश मंगल का स्थान बारहवें भाव में है। लग्न से दसवें में केतु है और लग्नेश से दसवें सूर्य गुरु वक्री बुध है। उनकी कुंडली में लग्नेश से नवे भाव में शुक्र चन्द्र है, लग्नेश से अष्टम में शनि है। कुंडली के हिसाब से भी उनके भाइयों और बहनों की संख्या मेल खाती है। उनकी कुंडली में शुक्र चन्द्र राहु की हैसियत को प्रदर्शित करती है।

 

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