आदिशक्ति की पूजा से मिलती है इंद्रियों को वश में करने की शक्ति, जानें विधि

मां कात्यायनी आदिशक्ति की पूजा से मिलती है इंद्रियों को वश में करने की शक्ति, जानें विधि

Manmohan Prajapati
Update: 2021-10-11 04:06 GMT
आदिशक्ति की पूजा से मिलती है इंद्रियों को वश में करने की शक्ति, जानें विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि का आज (11 अक्टूबर, सोमवार) पांचवा दिन है, लेकिन तिथियों के बदलाव के चलते मां दुर्गा के छठवें रूप की पूजा की जा रही है। यह दिन आदिशक्ति मां कात्यायनी को समर्पित है। मां का यह स्वरूप बेहद शांत और हृदय को सुख देने वाला हैं। मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को अपनी सभी इंद्रियों को वश में करने की शक्ति प्राप्त होती है। 

दुर्गा सप्तशती में मध्य चरित्र जिस महिषासुर का उल्लेख मिलता है उसका वध करने वाली देवी मां कात्यायनी ही हैं। इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दनी के नाम से भी पुकारते हैं। यजुर्वेद के आरण्यक में इनका उल्लेख प्रथम दिया गया है। स्कंद पुराण में भी यह उल्लेख है कि ये ईश्वर के क्रोध से उत्पन्न हुई हैं। आइए जानते हैं इनकी पूजा विधि के बारे में...

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पूजा विधि
- मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए सबसे पहले पूजा की चौकी पर साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर मां कात्यायनी की मूर्ति रखें।
- अब गंगाजल से पूजाघर और घर के बाकी स्थानों को पवित्र करें।
- वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्रत का संकल्प पढ़ें एवं सभी देवी-देवताओं को नमस्कार करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।
- देवी कात्यायनी की पूजा करते समय मंत्र का जप करें। 
- इसके बाद पूजा में गंगाजल, कलावा, नारियल, कलश, चावल, रोली, चुन्‍नी, अगरबत्ती, शहद, धूप, दीप और घी का प्रयोग करें। 
- मां कात्यायनी को शहद अति प्रिय है। इसलिए पूजा में देवी को शुद्ध शहद अर्पित करें।
- माता को मालपुआ का भोग भी प्रिय है। उन्हें यह भोग लगाएं और प्रार्थना करें।

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मन्त्र 
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

कंचनाभा वराभयं पद्मधरां मुकटोज्जवलां। 
स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनी नमोस्तुते॥

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