माघ बिहु, ब्राई शिबराई देवता के नाम किया जाता है अर्पित

माघ बिहु, ब्राई शिबराई देवता के नाम किया जाता है अर्पित

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-07 02:58 GMT
माघ बिहु, ब्राई शिबराई देवता के नाम किया जाता है अर्पित

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माघ बिहु, रोंगाली बिहु या बोहाग बिहु असम का एक महत्वपूर्ण और धूमधाम से मनाया जाना वाला त्योहार है। जनवरी माह में मनाए जाने वाले बिहुत उत्सव की धूम सर्वाधिक होती है। इसे ही माघ बिहुत के नाम से जाना जाता है। बिहु को आप असम का सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण त्योहार भी कह सकते हैं। यह सभी असमियों द्वारा बहुतायत में मस्ती के साथ मनाया जाता है वह भी बिना किसी भेदभाव के। यहां के निवासियों के सर्वोच्च देवता ब्राई शिबराई या पिता शिबराई हैं। मौसम की पहली फसल शांति और समृद्धि के लिए ब्राई शिबराई के नाम पर अर्पित किया जाता है। 

 

प्राचीन परंपरा की अनाेखी झलक

मकर संक्रांति, लोहड़ी और पोंगल के समान ही इसे भी सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है। इसे 15 जनवरी को मनाया जाएगा। बिहु में असम की संस्कृति की अद्भुत झलक देखने मिलती है। यह एक प्राचीन कालीन त्याेहार है जिसमें असम की प्राचीन परंपराआें की झलक देखने मिलती है।

 

 

उत्सव कृषि से जुड़ा

यहां तीन बिहु मनाए जाते हैं। एक अप्रैल  मध्य से प्रारंभ होकर एक माह तक जारी रहता है। इसे पारंपरिक रूप से नववर्ष माना जाता है, जिसकी वजह से भी इस उत्सव की धूम सर्वाधिक हाेती है। इसके अतिरिक्त दो और बिहु हैं अक्टूबर में कोंगाली बिहु और जनवरी में भोगाली बिहु। यह उत्सव कृषि से जुड़ा हुआ है जो असम के निवासियों का मूल कार्य है। बदले हुए नाम से इस त्योहार को लगभग पूरे भारत में मनाया जाता है। 

 

पारंपरिक लोकनृत्य, गीत, वाद्य यंत्र

बिहु के अवसर पर पारंपरिक लोकनृत्य, गीत आदि पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर ही गाय व बजाए जाते हैं। असम का यह त्योहार दुनियाभर में प्रसिद्ध है, जिसकी वजह से इसे देखने के लिए विदेशी भी आते हैं। यह असम का सबसे लोकप्रिय त्योहार है। अगर आप असम की संस्कृति अाैर परंपरा का अनोखा नजारा देखना चाहते हैं ताे माघ बिहु सबसे अच्छा समय है।

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