महाशिवरात्रि: ये हैं कालसर्प दोष की शान्ति के उपाय ?
महाशिवरात्रि: ये हैं कालसर्प दोष की शान्ति के उपाय ?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाशिवरात्रि का पर्व इस बार 4 मार्च 2019 को है, सोमवार को महाशिवरात्रि होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। कहा जाता है कि इस दिन शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन शिवलिंग पर भगवान शिव को प्रिय चीजें चढ़ाते हैं। इसके अलावा कुंवारी कन्याएं अच्छा पति पाने के लिए इस दिन विशेष पूजा अर्चना करती हैं। यही नहीं इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए भी विशेष उपाय किए जाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के सिद्ध स्थान जैसे उज्जैन महांकाल मंदिर एवं नासिक त्रिम्ब्केश्वर मंदिर पर कालसर्प योग की शांति करा लेने विशेष शुभ फल प्रदान होता है। आइए जानते हैं कि शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा कर किन समस्याओं का उपाय आप कर सकते हैं।
1- इस दिन कालसर्प दोष निवारण के विभिन्न उपाय विद्वानों द्वारा बताए जाते हैं। इस दोष की शांति विधानानुसार किसी योग्य अनुभवी, निर्लोभी, विद्वान ब्राह्मण, कुलगुरु या पुरोहित से करवा लेने से दोष शांत हो जाता है।
2- इस दिन भगवान गणेश केतु की पीड़ा शांत करते हैं एवं सरस्वती देवी उनका पूजन-अर्चन करने वालों की राहु के अनिष्ट से रक्षा करती हैं।
3- भैरवाष्टक का इस दिन 108 बार पाठ करने से कालसर्प दोष से शांति मिलती है और कालसर्प दोष के समाप्त होने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
4- इस दिन ऊन के लाल आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से नागगायत्री मंत्र का जप करने से कालसर्प दोष के कष्टों से छुटकारा मिलता है, किन्तु नागगायत्री मन्त्र 108 दिन तक निरंतर जप करने से ही लाभ होता है। जप के समय शिवजी के समक्ष शुद्ध घी का दीपक जलते रहना चाहिए।
5- इसी दिन से सर्पसूक्त का नित्य एक पाठ करने से कालसर्प दोष निवारण में सफलता मिलने लगती है और 108 दिनों तक संकल्पित जप करने से बिगड़े कार्य बनने लगते हैं।
6- इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सुबह शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव को धतूरा चढ़ाएं। इसके बाद ॐ नमः शिवाय मन्त्र का जाप करें।
7- इस दिन चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को शिवलिंग पर अर्पित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
8- आप को किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा है तो किसी योग्य ब्राह्मण से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाना चाहिए।
9- शिवरात्री की आधी रात को शिव पूजन करने व शिव को प्रिय बेल पत्र, भांग, धतूरा, जल, दूध, दही, घी, शहद आदि अर्पण करने से मांगलिक दोष दूर होता है। रात की पूजन किसी योग्य और विद्वान ब्राह्मण के द्वारा ही करवाएं।
10- इस दिन शिवलिंग की विधिवत पूजा और उपवास करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। शिवजी को धतूरा अत्यंत प्रिय है इसलिए भगवान शिव की पूजा में धतूरा एवं धतूरे के साथ धतूरे का फूल भी भगवान शिव को अर्पित करना अच्छा होता है।