महिष पर सवार होकर आ रही है 'मकर संक्रांति', दो दिन मुहूर्त
महिष पर सवार होकर आ रही है 'मकर संक्रांति', दो दिन मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मकर संक्रांति, इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में है। सूर्य रात 8 बजे के आसपास मकर राशि में 14 जनवरी को प्रवेश कर रहा है जिससे इस बार दो दिन तक संक्रांति का योग बन रहा है। 15 जनवरी को स्नान व दान का विशेष महत्व बताया जा रहा है। सूर्य के धनु से मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद शुभ कार्य प्रारंभ होंगे।
स्पष्ट नजर आएगा प्रभाव
इस बार 2018 में मकर संक्रांति का स्वरूप वाहन महिष होगा वही उपवाहन ऊंट हैं। आप ऐसा कह सकते हैं कि इस वर्ष मकर संक्रांति महिष पर सवार होकर आ रही है। मकर संक्रांति के इस स्वरूप या सूर्य के राशि परिवर्तन का प्रभाव अन्य राशियों के जातकों पर स्पष्ट रूप से देखने मिलेगा। कृषि की दृष्टि से भी यह समय उत्तम बना हुआ है।
इसलिए धीमी होती है सूर्यदेव की रोशनी
सूर्य के उत्तरायण होते ही ऋतु परिवर्तन का एहसास स्पष्ट रूप से देखने मिलेगा। सर्दी से राहत मिलेगी और एक बार फिर सूर्यदेव तीव्र गति से अपने अश्वों पर सवार होकर विचरण करेंगे। ऐसी मान्यता है कि खरमास में सूर्यदेव अपने अश्वों को पानी पीने के लिए छोड़ देेते हैं और प्रकृति के कार्यों में बाधा ना आए इसलिए गधे को अपने रथ में बांधकर आगे बढ़ते हैं गधे जिन्हें खर भी कहा जाता है और जिनके नाम पर ही इस मास को खरमास कहा गया है अपनी धीमी चाल से आगे बढ़ते हैं जिसकी वजह से सूर्यदेव की रोशनी भी धीमी-धीमी ही पृथ्वी तक आती है।
दोनों ही दिन विशेष योग के साथ शुभ
अब खरमास के समाप्त होते ही एक बार फिर सूर्यदेव दिव्यता के साथ दर्शन देंगे। 15 जनवरी को 21:8 मिनट तक मुहूर्त शुभ बना हुआ है। हालांकि दोनों ही दिन विशेष योग के साथ शुभ बताए जा रहे हैं। सूर्य पूजा इस अवसर पर विशेष फलदायी बतायी जा रही है।