मौनि अमावस्याः इस दिन हुई थी सृष्टि की शुरूआत

मौनि अमावस्याः इस दिन हुई थी सृष्टि की शुरूआत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-10 01:06 GMT
मौनि अमावस्याः इस दिन हुई थी सृष्टि की शुरूआत


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मौेनि अमावस्या का माघ मास के कृष्ण पक्ष को पड़ती है। इस बार यह 16 जनवरी 2018 को है। इस दिन मौन रहकर स्नान व व्रत धारण करना चाहिए। जो भी इस दिन मौन रहकर व्रत का पालन विधि पूर्वक करता है। उसे मुनि पद की प्राप्ति होती है। मौनि मुनि से ही बना है। 

 

मनु महाराज का जन्म

जैसा की हर व्रत त्योहार से कोई न कोई मान्यता जुड़ी है और उसका महत्व है ठीक वैसे ही मौनि अमावस्या को लेकर भी कहा जाता है कि इस दिन से द्वापर युग की शुरूआत हुई थी। वहीं पुराणों मंे ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि यही वह दिन है जब ब्रम्हदेव ने मनु महाराज और महारानी सतरूपा को प्रकट करके सृष्टि की शुरूआत की थी। 

 

इसलिए कहा जाता है मौनि

मनु के नाम पर ही इसे मौनि कहा गया है। मनु महाराज जिनकी हम सब संतान कहे जाते हैं का जन्म इसी दिन हुआ माना जाता है। इस दिन चंद्रमा, सूर्य गोचरवश मकर राशि में होते हैं। समस्त जगत के लिए विशेष दिन होने की वजह से ऐसा माना जाता है कि इस सभी देवताओं का वास संगम के तट पर होता है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। 

 

जुटते हैं लाखों श्रद्धालु

मौनि अमावस्या पर गंगा स्नान का पुण्य कार्तिक स्नान के समान ही प्राप्त होता है। जिस वजह से भी लाखों श्रद्धालु गंगा के तट पर कल्पवास कर इस दिन ब्रम्हमुहूर्त में गंगा स्नान करते हैं। संगम के तट पर इस दिन संतों सहित गृहस्थ भी पहुंचते हैं। पवित्र स्नान का सिलसिला रात 3 बजे से ही शुरू हो जाता है जो लगभग दोपहर तक जारी रहता। इस दिन लोग स्नान कर विष्णुदेव की आराधना में दिन व्यतीत करते हैं। कहते हैं एेसा करने से समस्त पापों का नाश होता है एवं प्रभु के चरणाें में स्थान मिलता है।

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