नारद जयंती 2021: पृथ्वी के पहले पत्रकार हैं देवर्षि नारद, जानें कैसे करें पूजा

नारद जयंती 2021: पृथ्वी के पहले पत्रकार हैं देवर्षि नारद, जानें कैसे करें पूजा

Manmohan Prajapati
Update: 2021-05-27 04:55 GMT
नारद जयंती 2021: पृथ्वी के पहले पत्रकार हैं देवर्षि नारद, जानें कैसे करें पूजा

डिजिटज डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, देवताओं के ऋषि कहे जाने वाले देवर्षि नारद मुनि की जयंती ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 27 मई गुरुवार को है। नारद मुनि को देवों का दूत, संचारकर्ता और सृष्टि का पहला पत्रकार कहा जाता है। पुराणों के अनुसार नारद मुनि हमेशा तीनो लोकों में भ्रमणकर सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे। नारद मुनि का आदर सत्कार न केवल देवी-देवता, मुनि किया करते थे बल्कि असुरलोक के राजा समेत सारे राक्षसगण भी उन्हें सम्मान दिया करते थे। 

आपको बता दें ​कि नारद मुनि सृष्टिकर्ता ब्रम्हाजी के पुत्र हैं, उनका जन्म ब्रह्माजी के कंठ से हुआ था। नारद जी को निरंतर चालायमान और भ्रमणशील होने का वरदान मिला है। वे  भगवान विष्णु के परम भक्त हैं। इसलिए नारद जयंती के अवसर पर भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की पूजा करने के बाद ही नारद मुनि की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व और पूजा का मुहूर्त...

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शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 26 मई, शाम 4 बजकर, 43 मिनट से 
तिथि समापन: 27 मई, दोपहर 1 बजकर, 2 मिनट पर 

पूजा विधि
नारद जयंति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प करें। इसके बाद पूजा-अर्चना करें, ध्यान रहे नारद मुनि भगवान श्री विष्णु के परम भक्त हैं, ऐसे में उनके साथ श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा करें। इस दौरान 
नारद मुनि को चंदन, तुलसी के पत्ते, कुमकुम, अगरबत्ती, फूल अर्पित करें। इसी तरह विधि विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद शाम को पूजा करने के बाद, भगवान विष्णु की आरती करें। इसके बाद दान पुण्य का कार्य करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें कपड़े और पैसे दान करें।

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क्यों कहा जाता है पृथ्वी का पहला पत्रकार
नारद मुनी को हम सभी ने पौराणिक कथाओं में एक जगह से दूसरी जगह का विचरण का सूचनाओं का आदान प्रदान करते हुए देखा या सुना है। वैदिक पुराणों के अनुसार देवऋषि नारद एक सार्वभौमिक दिव्य दूत और देवताओं के बीच जानकारी के प्राथमिक स्रोत हैं। नारद मुनि में सभी किशोर लोक, आकाश या स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल की यात्रा करने की क्षमता है। ऐसा भी माना जाता है कि यह पृथ्वी पर पहले पत्रकार हैं। नारद मुनि सूचनाओं को फैलाने के लिए ब्रह्मांड में भ्रमण करते रहते हैं। हालाँकि, उनकी अधिकांश समय पर जानकारी परेशानी पैदा करती है, लेकिन यह ब्रह्मांड की बेहतरी के लिए है।  

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