यम पूजा दिलाएगी पापों से मुक्ति, जानें शुभ-मुहूर्त, पूजा-विधि

यम पूजा दिलाएगी पापों से मुक्ति, जानें शुभ-मुहूर्त, पूजा-विधि

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-17 18:39 GMT
यम पूजा दिलाएगी पापों से मुक्ति, जानें शुभ-मुहूर्त, पूजा-विधि

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आज के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का उद्धार किया था, इसीलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीपदान करने से नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही अकाल मृत्यु का भय दूर रहता है। इस कारण भी नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान और पूजा का विधान है। अभ्यंग स्नान शुभ मुहूर्त - प्रात: 04:47 से प्रात: 06:27 तक रहेगा।

 

आज यम की पूजा विधि

रात्रि 8 से 10 बजे के बीच दक्षिण पश्चिम दिशा के कोने में चार बत्ती का दीपक तीन प्रकार के धान्यों गेहूं, चना, चावल आदि पर रखा जाता है, जो यमराज के भय से मुक्ति दिलाता है। आज जो व्यक्ति दीपक जलाता है, उसे कभी नरक का भय नहीं रहता। ऐसा करने से मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति भी मिलती है। आज के दिन पूरे विधि-विधान से यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय भी नहीं रहता है।

 

यमराज की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें

ऊं यमाय नम:, ऊं धर्मराजाय नम:, ऊं मृत्यवे नम:, ऊं अन्तकाय नम:, ऊं वैवस्वताय नम:, ऊं कालाय नम:, ऊं सर्वभूतक्षयाय नम:।
ऊं औदुम्बराय नम:, ऊं दध्राय नम:, ऊं नीलाय नम:, ऊं परमेष्ठिने नम:, ऊं वृकोदराय नम:, ऊं चित्राय नम:, ऊं चित्रगुप्ताय नम:।।

 

चेहरे पर लाना है निखार तो...

रूप चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल बेसन तिल के उबटन से स्नान किया जाता है। इससे सुन्दरता आती है एवं चेहरे का रंग भी साफ हो जाता है। प्रातः स्नान करने से स्वास्थ्य में भी लाभ मिलता है। आज सूर्योदय से पहले उठना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद उठता है, उसके लिए भाग्य भी सो जाता है। बच्चों और वृद्धों पर इसका दोष नहीं लगता।

 

रूप चतुर्दशी मतलब छोटी दीपावली

दीपावली से ठीक एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी को जिसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है। नरक चतुर्दशी का त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को यानी दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16 हजार कन्याओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था। इस खुशी में दीप जलाए जाते हैं। इस कारण चतुर्दशी को छोटी दीपावाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन प्रातः काल स्नान करके यम तर्पण और शाम के समय दीप दान का बड़ा महत्व है।

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