नवरात्र में करें इन 9 मंत्रों का जाप, प्रसन्न होंगी मां शक्ति

नवरात्र में करें इन 9 मंत्रों का जाप, प्रसन्न होंगी मां शक्ति

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-17 06:25 GMT
नवरात्र में करें इन 9 मंत्रों का जाप, प्रसन्न होंगी मां शक्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे देवों की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मनवांछित फल प्राप्त होता है। 21 सितंबर से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। ऐसे में एक बार फिर शक्ति के साधक उन्हें प्रसन्न करने के लिए जतन करेंगे। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका जाप कर मां शक्ति की कृपा प्राप्त की जा सकती है...
 

ये हैं वे खास मंत्र 

रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र।
दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम्॥

-साधक इस मंत्र का जप विविध उपद्रवों से बचने के लिए करते हैं। 

हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योनः सुतानिव॥

-साधक इस मंत्र का जप अपने पापों को मिटाने के लिए करते हैं।
 
यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तमलं बलं च।
सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु॥

-साधक इस मंत्र के द्वारा अशुभ प्रभाव और भय का विनाश करने के लिए देवी दुर्गा की आराधना करते हैं।
  
देव्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या।
तामम्बिकामखिलदेव महर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः॥

-साधक इस मंत्र का जप सामूहिक कल्याण के लिए करते हैं।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥

-साधक इस मंत्र का जप सभी प्रकार के विघ्नों दूर करें और महामारी नाश के लिए करते हैं।
 
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य॥

-साधक इस मंत्र का जप विपत्तियों के नाश के लिए करते हैं।
 
सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी।
त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः॥

-साधक इस मंत्र का जप स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति के लिए करते हैं।
 
नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

-साधक इस मंत्र का जप भक्ति प्राप्ति के लिए करते हैं।
  
प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि।
त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव॥

-साधक इस मंत्र का जप प्रसन्नता प्राप्ति के लिए करते हैं।

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