पुत्रदा एकादशी आज, इस विधि से धारण करें भगवान विष्णु का ये व्रत

पुत्रदा एकादशी आज, इस विधि से धारण करें भगवान विष्णु का ये व्रत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-27 04:16 GMT

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुत्रदा एकादशी जिन्हें पुत्र की कामना है और जिन व्यक्तियों को संतान होने में बाधाएं आती हैं उन्हें यह व्रत अवश्य ही धारण करना चाहिए। पद्म पुराण में भी इस व्रत का महत्व बताया गया है। इस वर्ष यह पुत्रदा एकादशी व्रत 29 दिसंबर शुक्रवार मनाया जाएगा। यह बहुत ही फलदायी माना गया है। इस दिन विष्णु पूजन का विधान है। यह व्रत एक दिन पहले ही प्रारंभ हो जाता है। अर्थात जातक को दशमी तिथि को भोजन करना चाहिए और रातभर विष्णु के नामों का जाप करना उत्तम बताया गया है। यहां हम आपको इस व्रत की विधि बताने जा रहे हैं...

 

अपनाएं ये विधि

-सुबह स्नान के बाद सबसे पहले भगवान विष्णु का ध्यान करें एवं उनकी पूजा करें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का महत्व है। यदि ऐसा संभव नही होता गंगा या नर्मदा जल ही पानी में डालकर स्नान करें। 

-सबसे पहले श्रीहरि के चित्र या प्रतिमा के सम्मुख दीपक या कलश जलाएं और व्रत का संकल्प लें। 

-इस कलश की लाल बांधकर पूजा करें।  विष्णुप्रतिमा को स्नान कराके फिर उसका चंदन, सिंदूर, पुष्प आदि चढ़ाकर उसका पूजन करें। उन्हें नैवेद्य अर्पित करें। 

-सामर्थ्य के अनुसार फल-फूल,  सुपारी, लौंग, बेर, आंवला भी पूजन में शामिल किए जा सकते हैं। 

-पूरे दिन निराहार रहकर एकादशी की रात्रि दिनभर व्रत का पारण कर रात में भजन-कीर्तन करें विष्णु पूजन व ध्यान करें। 

-दूसरे दिन ब्रम्हणों को दान देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। भगवान विष्णु का पुनः पूजन करें और उनसे अपनी मनोकामना कहें। ऐसा करने से श्रीहरि आपकी प्रार्थना अवश्य सुनते हैं। 

-एकादशी के दिन बहने हुए पवित्र नदियाें के जल में दीपदान का भी उत्तम फल प्राप्त हाेता है। पुत्रदा एकादशी में दीपदान अवश्य ही करना चाहिए। विधि विधान से पूजन के लिए आप किसी विशेषज्ञ या पंडित की भी सहायता ले सकते हैं।

 

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