इस माह में करें सूर्यदेव की उपासना, मिलेगा शुभ फल

पौष माह प्रारम्भ  इस माह में करें सूर्यदेव की उपासना, मिलेगा शुभ फल

Manmohan Prajapati
Update: 2022-12-09 17:12 GMT
इस माह में करें सूर्यदेव की उपासना, मिलेगा शुभ फल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में ना सिर्फ त्योहारों और व्रत का बल्कि महीनों का भी काफी महत्व है। शास्त्रों के अनुसार हिन्दू वर्ष के सभी महीने किसी न किसी भगवान की पूजा के लिए खास माने जाते हैं। फिलहाल, मार्गशीर्ष मास खत्म होते ही पौष माह शुरू हो गया है, जो कि हिंदू कैलेंडर का दसवां मास माना जाता है। इस बार पौष मास 9 दिसंबर से शुरू हो रहा है जो नए साल में 7 जनवरी 2023 को समाप्त होगा। इसी माह में लोहड़ी, पोगल सहित मकर संक्रांति जैसे अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। 

इस माह को सूर्य की उपासना के लिए विशेष बताया गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पौष माह में यदि भगवान सूर्यदेव की आराधना की जाए तो पुण्य एवं तेज की प्राप्ति होती है। नक्षत्रों पर आधारित भारतीय महीनों में पौष को भी साधना, आराधना का माह कहा गया है। इस मास को छोटा पितृ पक्ष के रूप में भी जानते हैं। इसलिए इस माह में पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करना शुभ माना जाता है। 

महत्व
पौष मास में सूर्य देव को अर्घ्य देने व इनका व्रत पारण करने का विशेष महत्व है। पुराणों में भी ऐसा उल्लेख मिलता है कि पौष मास के प्रत्येक रविवार तांबे के पात्र में लाल चंदन व लाल पुष्प डालकर भगवान विष्णु मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। तिल और चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से भी मनुष्य को वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। साथ ही मनुष्य तेजस्वी बनता है और उसमें नेतृत्व की क्षमता का विकास होता है। 

साल का सबसे छोटा दिन
साल का सबसे छोटा दिन 21 दिसंबर पौष मास में ही आता है। पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है इसलिये इस मास को पौष माह या मास के नाम से जाना जाता है। 

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