रमा एकादशी: यह व्रत कर देता है सभी पापों का नाश, जानें व्रत विधि

रमा एकादशी: यह व्रत कर देता है सभी पापों का नाश, जानें व्रत विधि

Manmohan Prajapati
Update: 2020-11-09 04:35 GMT
रमा एकादशी: यह व्रत कर देता है सभी पापों का नाश, जानें व्रत विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत इस वर्ष 11 नवंबर, बुधवार को रखा जाएगा। मां लक्ष्मी की आराधना इसी एकादशी से आरंभ हो जाती है। बता दें कि माता लक्ष्मी का एक नाम रमा भी है। इसलिए इस एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। इस व्रत को करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। 

पद्म पुराण के अनुसार रमा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी मिलती है, जिससे जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। इस दिन विष्णु के पूर्णावतार केशव स्वरूप की भी लोग अराधना करते हैं।

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रमा एकादशी पूजन विधि
1. रमा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और अपने सभी कामों से निवृत्त हों।
2. स्नान के बाद इस व्रत को करने के लिए संकल्प लें। 
3. अगर आप निराहार रहना चाहते हैं तो संकल्प लें और यदि आप एक समय फलाहार लेना चाहते हैं तो उसी प्रकार संकल्प लें। 
4. इसके बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। 
5. आप चाहे तो किसी पंडित को भी बुला सकते हैं। पूजा करने के बाद भगवान को भोग लगाएं और सभी को प्रसाद को बांट दें। इसके बाद शाम को भी इसी तरह पूजा करें और बैठकर श्रीमद्भागवत या गीता का पाठ करें।

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इन बातों का रखें ध्यान
1. व्रत पूर्ण होने पर इस दिन सात्विक खाना ही खाएं।
2. एकादशी पर चावल खाना अशुभ बताया जाता है, ऐसे में जो लोग इस उपवास को नहीं रख सकते उस दिन चावल से बने किसी भी तरह के व्यंजन को ना खाएं। 
3. रमा एकादशी के दिन विवाहित महिलाएं भूलकर भी अपने बालों को ना धुलें। 
4. इस दिन किसी भी तरह कपड़े की धुलाई करने से भी बचें।
5. रमा एकादशी का व्रत दशमी की संध्या से ही आरंभ हो जाता है। ऐसे में दशमी के दिन सूर्यास्त से पहले भोजन ग्रहण कर लेना चाहिए। 

 
 

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