साल 2018 में इन राशियों को प्रभावित करेंगे 'शनिदेव', कहीं आप भी तो नहीं शामिल

साल 2018 में इन राशियों को प्रभावित करेंगे 'शनिदेव', कहीं आप भी तो नहीं शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-12 03:46 GMT
साल 2018 में इन राशियों को प्रभावित करेंगे 'शनिदेव', कहीं आप भी तो नहीं शामिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शनि का नाम सुनते ही मन में कहीं न कहीं डर का भाव आ जाता है। 34 दिन के लिए शनि के अस्त होते ही शनि की साढ़े साती और अढ़ैया का प्रभाव संबंधित राशियों पर कम हुआ है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार बदलते हुए मौसम की वजह ग्रहों में हेरफेर ही है। साढ़े साती और अढ़ैया के प्रभाव से जातक को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि को न्याय का देवता भी कहा गया है जो मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार ही दंड प्रदान करते हैं। मनुष्य कर्मों के अनुसार ही शुभ अशुभ फल पाता है। शनि की साढ़े साती का असर साढे़ साल होता है वहीं अढैया ढाई तक मनुष्य को प्रभावित करता है। 

 

शनिदेव के पूजन की सलाह

ज्योतिष विज्ञान के अनुसार इन दोनों ही स्थितियों से पीड़ित जातक को शनिदेव के पूजन की सलाह दी जाती है। हालांकि इन्हें लेकर मन में व्याप्त डर और पूर्णरुपेण उचित नही हैं साढ़े साती और अढैया को लेकर कुछ भ्रांतियां भी हैं। विद्वानों के अनुसार वे जातक जिनकी जन्मपत्रिका में शनि उच्चराशिस्थ राजयोगकारक एवं शुभ होते हैं उनके लिए साढ़ेसाती की अवधि शुभ फल देने वाली एवं उन्नतिकारक बतायी गई है। 

 

दूसरी एवं बारहवीं राशि वाले जातक 

शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह बताया गया है। इसे एक से दूसरी राशि में गोचर करने में ढाई वर्ष का वक्त लगता है। गोचरवश शनि जिस राशि में मौजूद होते हैं वह व उससे दूसरी एवं बारहवीं राशि वाले जातक साढ़ेसाती से प्रभावित होते हैं। यहां हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी राशि में शनि की साढ़े साती और अढैया अंतिम चरण में है एवं 2018 में कौन सी राशियां इसके प्रभाव में होंगी। 

 

शनि की साढ़ेसाती
वृश्चिक-अंतिम चरण 
धनु - द्वीय चरण 
मकर- प्रथम चरण 

 

शनि की अढैया

वृष व कन्या

Similar News