20 साल बाद पर्वों और सोमवार का महासंयोग

20 साल बाद पर्वों और सोमवार का महासंयोग

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-26 04:42 GMT
20 साल बाद पर्वों और सोमवार का महासंयोग

टीम डिजिटल, भोपाल। महाकाल की नगरी उज्जयिनी में श्रावण-भादौ मास में सोमवार के दिन महापर्वों का संयोग धर्म आध्यात्म की दृष्टि से श्रेष्ठ है। भगवान महाकाल की शाही सवारी के दिन सोमवती अमावस्या का महासंयोग बन रहा है। इससे पहले 1997 में इस प्रकार का संयोग बना था। अगस्त माह में ही सोमवार को कई संयोग पड़ रहे हैं। सोमवार 7 अगस्त को रक्षाबंधन व सोमवार 14 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही है।

14 अगस्त को महाकाल, गोपाल मंदिर तथा सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी मनाई जाएगी। 21 अगस्त सोमवार को भगवान महाकाल की शाही सवारी के साथ सोमवती अमावस्या है। इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा सायंकाल सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। यह स्थिति मास पर्यंत शिव उपासना के लिए श्रेष्ठ है। इसके अलावा 7 अगस्त सोमवार को रक्षा बंधन है। यह पवित्र नदियों के स्नान के लिए अति शुभ बताया गया है।

खास-खास
10 जुलाई को श्रावण मास के पहले दिन महाकाल की पहली सवारी निकलेगी।
7 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा पर भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगेगा। शाम को राजा की पांचवीं सवारी निकलेगी।
14 अगस्त को नगर में जन्माष्टमी का उल्लास छाएगा। इस दिन भादौ मास में महाकाल की पहली सवारी निकलेगी।
21 अगस्त को महाकाल की शाही सवारी के साथ रामघाट पर सोमवती अमावस्या का स्नान होगा। देशभर से लाखों लोग उमड़ेंगे। इन दिनों में क्राउड मैनेजमेंट प्रशासन के लिए चुनौती होगा।

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