श्रावण मास 2021: जानें महादेव के प्रिय माह का महत्व और इससे जुड़ी कथा

श्रावण मास 2021: जानें महादेव के प्रिय माह का महत्व और इससे जुड़ी कथा

Manmohan Prajapati
Update: 2021-07-24 11:22 GMT
श्रावण मास 2021: जानें महादेव के प्रिय माह का महत्व और इससे जुड़ी कथा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के पांचवे माह श्रावण का धर्म की दृष्टि से काफी महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये महीना भगवान शिव के ध्यान और पूजा पाठ के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की समाप्ति के बाद श्रावण महीने की शुरुआत होती है। इस वर्ष यह माह 25 जुलाई यानी कि रविवार से शुरू हो चुका है और 22 अगस्त रविवार (रक्षा बंधन) को समाप्त होगा। 

शास्त्रों के अनुसार यह माह शिव के साथ माता पार्वती को भी समर्पित है। भगवान शिव और माता पार्वती के समान आदर्श पति- पत्नी जैसा वैवाहिक जीवन पाने की चाह रखने वाली महिलाएं इस महीने व्रत करती हैं। वो अपने खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए आशीर्वाद मांगती हैं। वहीं अविवाहित लड़कियां अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए सावन के सोमवार को व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं इसका महत्व...

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कांवड़ यात्रा 
बता दें कि, सावन माह में हर सोमवार को श्रद्धालू देवालय और शिवालय पहुंचकर पूजा करते हैं। इस दौरान श्रद्धालु कांवड़ यात्रा निकालते है जहां कांवड़ में गंगा जल भर कर शिव प्रतिमा पर जल अभिषेक किया जाता है। साथ ही मंदिरों में शिव पुराण का आयोजन भी किया जाता है।

पौराणिक कथा 
पौराणिक कथा के अनुसार जब चारों सनत कुमारों ने शिव जी से उन्हें सावन मास प्रिय होने का कारण पूछा तब शिव जी ने उन्हें बताया कि जब सती अपने पिता दक्ष के यहां योग शक्ति से शरीर त्याग किया था उसके पहले उन्होंने भगवान शिव को हर जन्म में पति स्वरूप पाने का प्रण किया था। जिसके बाद माता शती पार्वती के रूप में हिमालय तथा मैना देवी के घर जन्म लिया था। उन्होंने अपने युवावस्था में सावन माह भर कठोर व्रत और तपस्या कर भगवान भोलेनाथ को वर स्वरूप में प्राप्त किया था, तब से भगवान भोलेनाथ के लिए यह मास विशेष हो गया।

 

 

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