साल का दूसरा सूर्य ग्रहण: जानें क्यों होता है सूर्य ग्रहण?

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण: जानें क्यों होता है सूर्य ग्रहण?

Manmohan Prajapati
Update: 2019-07-02 05:53 GMT
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण: जानें क्यों होता है सूर्य ग्रहण?

डिजिटल डेस्क। साल की शुरुआत के साथ ही 5-6 जनवरी को सूर्य ग्रहण पड़ा और अब 6 महीने बीत जाने के बाद साल का दूसरा सूर्य ग्रहण आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि यानी 2 और 3 जुलाई की मध्यरात्रि में लगने जा रहा है। साल के पहले और दूसरे सूर्यग्रहण में अंतर इतना कि पहले दुनिया ने एक आंशिक सूर्य ग्रहण को देखा गया था और इस बार पूर्ण सूर्य ग्रहण होने जा रहा है, जिसका मतलब कि दिन में ही रात जैसा नजारा। 

हालांकि इस सूर्यग्रहण को भारत में लोग नहीं देख सकेंगे। भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण 02 जुलाई रात 10.25 पर आरम्भ होकर 03 जुलाई को प्रातः 03.20 बजे समाप्त होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 04 घंटे 55 मिनट की रहेगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह ग्रहण मिथुन राशि और आर्द्रा नक्षत्र में लगने वाला है।

कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण-
इस बार अर्जेंटीना और चीली जैसे देशों में ही पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा जबकि उरुग्वे, पराग्वे, इक्वाडोर और ब्राजील के इलाकों में लोग आंशिक सूर्य ग्रहण ही देख पाएंगे। वहीं भारत में लोग सूर्य ग्रहण बिल्कुल नहीं देख पाएंगे।

हालांकि अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा इस पूर्ण सूर्यग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करेगी। इसके अलावा यह अंतरिक्ष एजेंसी तस्वीरें भी जारी करेगी। कुल 161 मिनट, यानि 2 घंटे 41 मिनट तक यह सूर्य ग्रहण चलेगा। 

12 घंटे पहले लगेगा सूतक
इस सूर्यग्रहण का सूतक दिन में 10 बजकर 25 मिनट पर आरंभ हो जाएगा, लेकिन भारत में ग्रहण दिखाई ना देने के कारण सूतक नहीं माना जाएगा। बता दें कि शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के सूतक का विचार उन्हीं स्थानों पर होता है जहां वह दृश्य होता है और जहां ग्रहण के दौरान सूर्य या चंद्रमा की रोशनी पड़ती है।

क्यों होता है सूर्य ग्रहण ?
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती हैं। वहीं चंद्रमा की वजह से जब सूर्य ढकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं। इसके अलावा जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं। जबकि सूर्य जब कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है जो कि आज है।

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