इस पूजा से करें शनि दोष को दूर, जानें महत्व

शनि प्रदोष 2022 इस पूजा से करें शनि दोष को दूर, जानें महत्व

Manmohan Prajapati
Update: 2022-01-14 11:45 GMT
इस पूजा से करें शनि दोष को दूर, जानें महत्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले शनिवार को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। शनि प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। नए वर्ष में शनि प्रदोष व्रत 15 जनवरी, 2022 को है। मान्यता है कि यह व्रत करने के शनि दोष भी दूर होते हैं। शनि प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को करने के विधान है। 

कहा जाता है कि शनि त्रयोदशी शनि देव की जन्म तिथि है। इसलिए इस दिन शनि से संबंधित उपाय भी किए जाते हैं। पुराणों के अनुसार शनि प्रदोष व्रत करने से पुत्र प्राप्ति की कामना पूरी होती है। बता दें कि, प्रत्येक माह में दो त्रयोदशी तिथि पड़ती है। इन दोनों तिथियों को प्रदोष व्रत रखा जाता है।

शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 14 जनवरी रात 10 बजकर 19 मिनट से
तिथि समापन: 15 जनवरी रात 12 बजकर 57 मिनट तक
प्रदोष काल: 15 जनवरी शाम 05:46 बजे से रात 08:28 बजे तक 

पूजा विधि
-  सुबह स्नान के बाद भगवान शिव, पार्वती और नंदी को पंचामृत और जल से स्नान कराएं। 
-  इसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत (चावल), फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं। 
-  शाम के समय जब सूर्यास्त होने वाला होता है उस समय सफेद वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करें। 
-  विभिन्न फूलों, बेलपत्रों को चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न करें।
-  शिवजी की पूजा के बाद आरती, भजन करें। इससे शिवजी भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।

ये कार्य भी करें
-  शनिवार होने की वजह से इस दिन व्रती को शनि महाराज के निमित्त पीपल में जल देना चाहिए। 
-  शनि स्तोत्र और चालीसा का पाठ करना भी इस दिन शुभ रहता है।
-  इस दिन पीपल के पेड़ को छूकर 108 बार ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करने से शनि महाराज सभी कष्ट को दूर करते हैं।
-  इस दिन उपवास रखमे और पीपल का एक पत्ता शिवलिंग पर चढ़ाना काफी कल्याणकारी माना जाता है, इससे आपको नौकरी और व्यवसाय में लाभ मिलता है।
-  इस दिन काली चीजें जैसे जूता, सरसों, काली उड़द दाल आदि दान करना काफी शुभ माना जाता है।

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