जानें ​कब है ये व्रत, कैसे मिलेगी श्री हरि की कृपा

षटतिला एकादशी जानें ​कब है ये व्रत, कैसे मिलेगी श्री हरि की कृपा

Manmohan Prajapati
Update: 2022-01-26 12:14 GMT
जानें ​कब है ये व्रत, कैसे मिलेगी श्री हरि की कृपा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में एकादशी का व्रत का अत्यधिक महत्व है। वैसे तो वर्ष की सभी एकादशियां व्रत, दान-पुण्य आदि के लिये बहुत शुभ होती हैं। इनमें माघ माह में पड़ने वाली षटतिला एकादशी को विशेष माना गया है, जो कि 28 जनवरी को पड़ रही है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

इस दिन पूजा के समय काले तिल के प्रयोग का विशेष महत्व होता है। वहीं इस दिन काली गाय की पूजा करना भी शुभ माना गया है। इस एकादशी पर कैसे पूजा की जानी चाहिए और क्या है इसका मुहूर्त आइए, जानते हैं...

षटतिला एकादशी व्रत मुहूर्त
तिथि आरंभ: 28 जनवरी देर रात 02 बजकर 16 मिनट से 
तिथि समापन: 28 जनवरी रात्रि 11 बजकर 35 मिनट तक  

पूजा विधि
किसी भी व्रत उपवास या दान-तर्पण आदि को करने से पहले मन का शुद्ध होना आवश्यक होता है। इसके साथ-साथ षटतिला एकादशी का व्रत अन्य एकादशी के उपवास से कुछ अलग प्रकार से रखा जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी को भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए गोबर में तिल मिलाकर 108 उपले बनाये जाते हैं। फिर दशमी के दिन एक समय भोजन किया जाता है और प्रभु का स्मरण किया जाता है। 

इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भगवान श्री कृष्ण के नाम का उच्चारण करते हुए कुम्हड़ा, नारियल अथवा बिजौर के फल से विधिवत पूजा कर अर्घ्य दी जाती है। रात्रि में भगवान का भजन-कीर्तन करें और 108 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र से उपलों में हवन करें। स्नान, दान से लेकर आहार तक में तिलों का उपयोग करें।

 

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