व्रत: आज है स्कंद षष्टी, इस पूजा से घर में आएगी सुख शांति और समृद्धि

व्रत: आज है स्कंद षष्टी, इस पूजा से घर में आएगी सुख शांति और समृद्धि

Manmohan Prajapati
Update: 2020-09-21 10:15 GMT
व्रत: आज है स्कंद षष्टी, इस पूजा से घर में आएगी सुख शांति और समृद्धि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को स्कंद षष्टी कहा जाता है, जो कि गणेश चतुर्थी के बाद आती है। इसे दक्षिण भारत में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। यह पर्व साल भर में 12 बार आता है, जो कि इस माह आज यानी कि 22 सितंबर मंगलवार को है। स्कंद षष्टी का पर्व भगवान गणेश जी के भाई और भगवान कार्तिकेय के लिए किया जाता है।
इस दिन व्रत रखकर भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है।

भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। वहीं भगवान कार्तिकेय जीवन में आने वाली बाधाओं से भी दूर रखते हैं। जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ हैं उन्हें भी इस दिन कार्तिकेय भगवान की पूजा करने से लाभ मिलता है।

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मान्यता
मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से यश, वैभव और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही यह व्रत संतान पर आने वाली बाधाओं को भी दूर करता है। दक्षिण भारत में कार्तिकेय को भगवान सुब्रह्मण्यम के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूजा में चंपा के फूल अर्पित किए जाते हैं। कहा जाता है कि भगवान कार्तिकेय को चंपा के फूल बहुत प्रिय हैं। चंपा के पुष्प व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं।मान्यता है कि आज के दिन यानि स्कंद षष्टी की तिथि पर ही भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था।

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पूजा विधि
- सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद पूजा आरंभ करें।
- पूजा में चंपा के पुष्प को अवश्य शामिल करें।
- इस दिन संपूर्ण शिव परिवार की भी पूजा की जाती है।
- इस दिन भगवान कार्तिकेय को मिष्ठान और पुष्प अर्पित किए जाते हैं।
- स्कन्द षष्ठी के दिन व्रतधारी व्यक्तियों को दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करना चाहिए।

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