सामान्य नहीं हाईब्रीड होगा साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण, जानिए किस तारीख को होगा और क्यों खास है वैज्ञानिकों के लिए ये सूर्यग्रहण?

खास है ये सूर्यग्रहण? सामान्य नहीं हाईब्रीड होगा साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण, जानिए किस तारीख को होगा और क्यों खास है वैज्ञानिकों के लिए ये सूर्यग्रहण?

Raja Verma
Update: 2023-04-10 09:43 GMT
सामान्य नहीं हाईब्रीड होगा साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण, जानिए किस तारीख को होगा और क्यों खास है वैज्ञानिकों के लिए ये सूर्यग्रहण?

डिजिटल डेस्क,दिल्ली।  इस साल का पहला सूर्यग्रहण 20 अप्रैल को लगने वाला है। जो हाईब्रिड सूर्य ग्रहण होगा। जानकारों का मानना है कि यह कई मायनों में खास होगा। क्योंकि एक ही दिन में सूर्य के तीन रूप नजर आएंगे। जब भी ग्रहण लगता है तो इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अलग अलग राशियों पर  शुभ या अशुभ माना जाता है लेकिन विज्ञान इसे हमेशा एक अवसर के रूप में देखता है। सूर्यग्रहण में तो वैज्ञानिकों की खास नजर रहती है। 20 अप्रैल को लगने वाले सूर्यग्रहण में वैज्ञानिकों विशष नजर रहने वाली है।  

सूर्य ग्रहण

खगोलशास्त्र या विज्ञान के अनुसार जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तब कुछ देर के लिए चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिंब ढंक जाता है यही घटना सूर्य ग्रहण कहलाती है। सामान्य भाषा में समझें तो जब चंद्रमा, सूरज और पृथ्वी के बीच आ जाता है। कुछ स्थिति में जब चंद्रमा सूर्य की रोशनी को रोक देता है तो उसका साया जमीन में फैल  जाता है जिसके बाद कुछ देर के लिए दिन में ही रात के जैसा प्रतीत होता है। यह घटना हमेशा ही अमावस्या के दिन होती है। यही कारण है कि सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन ही लगता है। सूर्य ग्रहण आंशिक, वलयाकार और पूर्ण ग्रहण तीन प्रकार से लगता है। 

क्यों है विज्ञान के लिए खास?

ग्रहण विज्ञान की नजर में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। जब यह खगोलीय घटना होती है तो एक खगोल-काय जैसे चंद्रमा या कोई ग्रह किसी अन्य खगोल-काय की छाया के बीच में आ जाता है। ग्रहण दो प्रकार के होते हैं सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण। 

सूर्य ग्रहण को विज्ञान नए अवसर के रूप में देखते हैं। इस खगोलीय घटना के दौरान उन्हें नए-नए तथ्यों पर काम करने का मौका मिलता है। सूर्यग्रहण के दौरान कई घटनाएं सामने आती हैं। कहा जाता है कि सदियों पहले वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण के दौरान ही यह सिद्ध कर पाए थे कि पृथ्वी गोल है। पृथ्वी पर हीलियम गैस की उपस्थिति की खोज भी सूर्य ग्रहण को दौरान ही की गई थी।  


 

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