छींक आने के शुभ-अशुभ संकेत, जानिए फायदा होगा या नुकसान
छींक आने के शुभ-अशुभ संकेत, जानिए फायदा होगा या नुकसान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत देश में अनेक तरह की मान्यताएं हैं। अलग राज्य, शहर और गांव में अलग तरह की मान्यता। ये कब शुरू होती हैं ये कोई नही बता पाता, लेकिन इनका पालन करने वाले पूरे नियम और विधि-विधान से इन्हें पूरा करते हैं। ऐसा ही कुछ है छींक को लेकर। छींक को लेकर भी अनेक तरह की शुभ-अशुभ मान्यताएं हैं...
-यदि आप किसी काम से घर से बाहर निकल रहे हैं और छींक आ जाए तो कुछ देर ठहरकर फिर बाहर निकलिए। यदि उसी वक्त दो बार छींक आ जाए तो फिर आप को ठहरने की जरूरत नही। जैसे की एक छींक को अपशगुन माना जाता वैसे दो छींक आने पर कार्य के बनने के संकेत होते हैं।
-यदि किचन में खड़े होकर दूध उबाल रही गृहिणी को छींक आए तो ये मंगलकारी नही माना जाता।
-गाय या उसका बछड़ा छींक दे और उसी वक्त आप घर से बाहर जा रहे हैं तो समझिए आपका काम बनने वाला है।
-रास्ते में जाते समय श्वान का छींकना विपत्ति के संकेत हैं, लेकिन यदि वह लगातार कई बार छींक दे तो ये विपत्ति टलने के संकेत हैं।
-यदि आप दवा खा रहे हैं और उसी वक्त आपको छींक आ जाए। इससे आपकी दवा नीचे गिर जाए तो समझिए आप जल्दी ही स्वस्थ होने वाले हैं।
-गजराज का छींकना शुभ माना जाता है। ये धनलाभ एवं राज्य लाभ का संकेत है। आमतौर पर हाथी को ऐसा करते कम ही देखने मिलता है।
-वैदिक साहित्य में श्मशान में छींकना, दुर्घटना स्थल पर छींकना शुभ माना गया है। ये जल्दी ही कष्टों के निवारण का संकेत देता है।-रास्ते पर चलते-चलते छींक आना कष्टों का संकेत है। ये बड़ी ही दुखदायी बतायी गई है।
-रास्ते पर चलते-चलते छींक आना कष्टों का संकेत है। ये बड़ी ही दुखदायी बतायी गई है।
यहां आपको ये भी बता दें कि सर्दी-जुकाम की स्थिति में लगातार छींक आ सकती है। ऐसे में दवा सेवन के अतिरिक्त किसी भी तरह के नियमों को मानना कोरी कल्पना मात्र है। इनके परिणामों पर विचार नहीं करना चाहिए।