करना है भगवान शिव को प्रसन्न तो कीजिए ये उपाय, शीघ्र होगा विवाह
करना है भगवान शिव को प्रसन्न तो कीजिए ये उपाय, शीघ्र होगा विवाह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सही आयु में और सही समय पर सही व्यक्ति के साथ विवाह हो जाना अपने आप में एक बहुत बड़ा सौभाग्य है, नहीं तो कहीं कुंडली नहीं मिलती, तो कहीं मन और विचार नहीं मिलते या दहेज की समस्या आड़े आ जाती है। बढ़ती उम्र के साथ सम्बन्धों का आना भी कम हो जाता है और पूरा परिवार चिंतित रहता है। विवाह में विलंब का कारण कुंडली के ग्रह भी होते हैं। ग्रहों की अशुभ स्थिति विवाह में विलंब का प्रमुख कारण होती है, जिससे जाने-अनजाने हम वाकिफ नहीं रहते हैं।
ज्योतिष में नौ ग्रहों में से सूर्य, शनि, राहु और केतु का प्रभाव अधिक माना गया है। इनमें राहु और शनि विवाह में विशेष रुकावटें उत्पन्न करते हैं। शनि के प्रभाव से विवाह 28 वर्ष की आयु तक नहीं हो पाता। शनि और राहु साथ में हों तो परिजनों का विरोध कर प्रेम विवाह होता है। इसके इलावा भी कुंडली में कुछ योग होते हैं जो विवाह में विलंब का कारण बनते हैं। शीघ्र विवाह करने के लिए सूर्य, शनि, राहु और केतु इन चारों ग्रहों की शांति अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए ग्रहों के उपाय अर्थात जप, पूजा, दान, व्रत व अन्य वैदिक अनुष्ठान स्वयं कर सकते हैं या किसी योग्य कर्मकांडी से भी करा सकते हैं।
इस समस्या के निदान के लिए मां मंगला गौरी अर्थात मां पार्वती की आराधना प्रमुख होती है। शिव गौरी के पूजन से और उनकी कृपा से कोई भी जातक शीघ्र विवाह के बंधन में बंध सकता है।
- शीघ्र विवाह करने के लिए घर में स्फटिक के शिवलिंग की स्थापना करें व नियमित रूप से अभिषेक करें।
- विवाह योग्य जातक का शयन, वायव्य कोण ( उत्तर-पश्चिम ) में होना चाहिए।
- श्रावण मास के प्रथम दिन अपने घर के पूजन स्थल पर शिव-गौरी की प्रतिमा को स्थापित करें और यदि न कर पाएं तो श्रावण के किसी भी सोमवार को प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं।
- ध्यान रहे, कोई भी प्रयोग किसी भी शुभ दिन से आरंभ कर 45 दिन तक करने से ही शुभ फल प्राप्त होता है।
- श्रावण मास में नियमित रूप से शिव-गौरी का पंचोपचार पूजन और उसके बाद उन्हें कुछ भोग अर्पित करें। इसेक बाद श्वेतार्क पुष्प और बिल्वपत्र अर्पित करें और इस मंत्र की एक माला का जप करें
"हे गौरी शंकर अर्धांगिनी यथा त्वं शंकर प्रिया
तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम्"
- कोई कन्या जिसके विवाह में देरी हो रही हो उसको गोस्वामी तुलसीदास कृत पार्वती मांगल्य का पाठ करना चाहिए उससे विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है।
- विवाह योग्य कन्या सोमवार को पान एवं सुपारी से शिवलिंग का पूजन एवं जलाभिषेक करें तो उससे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
शीघ्र विवाह के लिए करें इस मंत्र का जाप - तुलसी की माला से रामचरित मानस की इस चौपाई का राम सीता के चित्र के सामने 108 बार रोज पाठ करना चाहिए इससे शीघ्र विवाह हो जाता है।
"सुनि सिय सत्य असीस हमारी
पूजिहि मन कामना तिहारी"
- यदि विवाह में बहुत विलंब हो रहा हो तो मंदिर के प्रांगण में अनार का पेड़ लगाएं और रोज उसे जल से सींचे।
- कच्चा दूध व जल मिलाकर प्रतिदिन शिवलिंग पर चढ़ाएं।
- हर रोज गाय को चारा या हरी पालक खिलाएं। इस उपाय से उत्तम रिश्ते आने लगते हैं।
- यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें, इन नारियलों को भगवान शिव के आगे रखकर
"ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः" इस मंत्र का पांच माला जाप करें।
- जप के बाद पांचों नारियल शिवजी के मंदिर में चढा दें, विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जाएंगी।
- शीघ्र विवाह संपन्न कराने के लिए 16 सोमवार का व्रत करना चाहिए और प्रत्येक सोमवार को शिव मन्दिर में जाकर जलाभिषेक करें, माँ पार्वती का श्रृंगार करें इसके बाद शिव पार्वती के बीच गठजोड़ बांधें और इसके साथ शीघ्र विवाह के लिए प्रार्थना करें।
- वर की कामना पूर्ति के लिए कन्या को इस मंत्र का जाप कर शिव-गौरी का पूजन करना चाहिए।
"ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः"
- रामचरित मानस के बालकाण्ड में शिव पार्वती विवाह प्रकरण का रोज पाठ करने से कन्या का विवाह शीघ्र होता है।
- विवाह अभिलाषी लड़का या लड़की शुक्रवार के दिन भगवान शंकर पर जलाभिषेक करें और शिवलिंग पर "ॐ नमः शिवाय" बोलते हुए 108 श्वेतार्क पुष्प चढ़ाएं, और शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें साथ ही शंकर जी पर 21 बिल्व पत्र चढ़ाएं।
- कम से कम 7 शुक्रवार तक इस प्रक्रिया को करें, शीघ्र ही विवाह के प्रस्ताव आने प्रारंभ हो जाएंगे।
- गौरी-शंकर रुद्राक्ष को स्थापित करें, इसके सम्मुख इस मंत्र का 108 बार जाप करें और विवाह में आ रही बाधाओं के निवारण और शीघ्र विवाह की प्रार्थना भगवान से करें
"ॐ कात्यायन्यै नम:"
- इस रुद्राक्ष को साक्षात मां पार्वती और भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद इस रुद्रक्ष को लाल धागे में पिरोकर धारण करें।
- प्रत्येक सोमवार को प्रातः नहा-धोकर शिवलिंग पर "ॐ सोमेश्वराय नमः" इस मंत्र का जाप करते हुए दूध मिला हुआ जल चढाएं और वहीं मंदिर में बैठकर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करें।
- श्रावण मास में आने वाले मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत करें और व्रत मे निम्न मंत्रों की 11 -11 माला जप करें।
शिव मंत्र "ॐ ह्रं कामदाय वर्प्रियाय नमः शिवाय।"
मंगलागौरी मंत्र "ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा।"
हनुमान मंत्र "क्रौं बीजात्मा नयनयोः पातु मां वानरेश्वरः हं हनुमते नमः।
- शिव-पार्वती के एक विवाह के चित्र को अपने घर में स्थापित करें, जिसमें वो एक-दूसरे के साथ वर-माला लेकर खड़े हों, और नियमित उनकी पूजा-अर्चना कर उनसे शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें।
- विवाह में आने वाली बाधाओं में से एक कालसर्प योग भी है। कालसर्प दोष के निवारण के लिये नाग पंचमी के दिन शिव की पूजा कर चांदी के नाग का जोड़ा चढ़ाएं और एक जोड़ा चांदी का सर्प बहते जल मे बहाएं।
- शिवजी का पूजन कर निर्माल्य का तिलक लगाएं तो भी जल्दी विवाह के योग बनते हैं।
- हर सोमवार को, विशेष रूप से श्रावण मास के सोमवार को शिवलिंग का जल या पंचामृत से अभिषेक करें।
- श्रावण के प्रत्येक सोमवार को युवक केसरयुक्त दूध से और युवतियां अनार के रस से शिवजी का अभिषेक करें।
- पूरे श्रावण मास में प्रतिदिन "ह्रीं ह्रीं गिरिजा पतये शिवशंकराय ह्रीं ह्रीं" इस मंत्र का 108 बार जप करें।
- यदि कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो तो किसी भी गुरूवार के दिन प्रातःकाल नहा धोकर 109 बेसन के लड्डू स्वयं बनाएं।
- फिर पीले रंग की टोकरी में पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उन लड्डूओं को उसमें रख दें और अपनी श्रद्धानुसार कुछ दक्षिणा रख दें। पास के किसी शिव मंदिर में जाकर विवाह के लिए प्रार्थना कर घर आ जाएं।
किसी भी उपाय सिद्ध एवं सफल होने मे स्वयं की श्रद्धा और स्वयं का विश्वास ही कारगर है, पूर्ण भक्ति से किए गए हर उपाय अवश्य ही सफल होते हैं। पूरी श्रृद्धा के साथ इन उपायों को करने से विवाह में बाधाएं नहीं आएंगी और शीघ्र ही विवाह संपन्न हो जाएगा।