आखिर ऐसा क्या है जो आज तक कोई भी नहीं चढ़ सका कैलाश पर्वत

आखिर ऐसा क्या है जो आज तक कोई भी नहीं चढ़ सका कैलाश पर्वत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-02 07:52 GMT
आखिर ऐसा क्या है जो आज तक कोई भी नहीं चढ़ सका कैलाश पर्वत

डिजिटल डेस्क। कैलाश मानसरोवर केवल एक तीर्थ स्थान नहीं बल्कि लोगों की आस्था का मानक है। कहते हैं सारे तीरथ सौ बार और कैलाश यात्रा एक बार। इसलिए हर भक्त की कामना होती है कि अपने जीवन में एक बार कैलाश मानसरोवर की यात्रा जरुर करें। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार तीनों लोकों के स्वामी भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते थे। ये जगह बेहद ही शांत और पवित्र है। कहा जाता है कि आज तक कोई भी कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाया। जिसने भी यहां चढ़ाई करना चाही उसकी मौत हो गई। कैलाश की ऊचांई दुनिया के दस बड़े ऊंचे पर्वतों में नहीं होती, ये समुद्र स्तर से 6,638 मीटर ऊंचा है। 

कैलाश पर्वत की रहस्यमयी घटनाएं

कैलाश पर्वत को लेकर कई सारे रहस्य आज भी बने हुए हैं। एक पर्वतारोही ने अपनी किताब में लिखा था कि इस पर्वत पर रहना नमुमकिन है। यहां किसी अनजान वजह से दिशा भ्रम होती है और समझ ही नहीं आता कि किस दिशा की ओर जाना है। वहां पर चुंबकीय कंपास भी धोखा देने लगता है। यहां शरीर के बाल और नाखून तेजी से बढ़ने लगते हैं। ये जगह बहुत ही रेडियोएक्टिव है।    

इस कारण से नहीं कर पाया कोई भी आज तक कैलाश पर्वत की चढ़ाई

जैन, हिंदू और बोद्ध धर्म की मान्यताओं के दूारा कैलाश पर्वत को काफी पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि वही इंसान इस पहाड़ पर चढ़ सकता है, जिसने कभी कोई पाप न किया हो। मान्यताओं के अनुसार ऐसा व्यक्ति पलक झपकते पंक्षी की तरह उड़ कर ऊपर पहुंच जाएगा। 1926 में एक स्टडी के मुताबिक पाया गया था कि 6,000 मीटर के बाद आगे बढ़ना अंसभव हो जाता है। वर्तमान में सरकार ने कैलाश पर पर्वतारोहन प्रतिबंधित कर दिया है। हालांकि रिपोर्ट की मानें तो 1980 में चीन सरकार ने पर्वतारोही को चढ़ाई के लिए आमंत्रित किया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने के बाद सरकार पीछे हट गई।

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