आज सोमवती अमावस्या, जानिए क्या है इसका महत्व?
आज सोमवती अमावस्या, जानिए क्या है इसका महत्व?
डिजिटल डेस्क,भोपाल। आज सोमवती अमावस्या है, लेकिन इस बार अमावस्या के साथ सूर्यग्रहण भी हैं। ये एक दुर्लभ महायोग माना जा रहा है। सोमवती अमास्या और हर महीने आने वाली अमावस्या का महत्व अलग होता है।
क्या है सोमवती अमावस्या?
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है। विवाहित स्त्रियां अपने पतियों के दीर्घायु कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल भी मिलता है।
क्या है विधान?
शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गई है। अश्वत्थ यानी पीपल का वृक्ष। इस दिन विवाहित स्त्रियां पीपल के पेड़ की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा करती हैं। वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है और कुछ अन्य परम्पराओं में भंवरी देने का भी विधान होता है। धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधान पूर्वक तुलसी के पेड़ को चढ़ाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है। पांडव पूरे जीवन में सोमवती अमावस्या के लिए तरसते रहे लेकिन कभी उनके जीवन में सोमवती अमावस्या नहीं आई।
क्या करें?
संभव हो तो इस दिन गंगा स्नान करना चाहिए और शिव पार्वती की पूजा करना चाहिए। अमावस्या के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन वृक्षों के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। इस दिन नदियों, तालाबों, तीर्थों में स्नान और दान आदि का विशेष महत्व होता है।
गरीबी दूर करने का उपाय- सोमवती अमावस्या को यदि स्नान और पूजा के बाद तुलसी की 108 बार पिरक्रमा की जाए तो दरिद्रता दूर होती है। इसके साथ सूर्य भगवान को अर्घ्य देना और ओंकार नाम का जाप करना भी बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है।