कान्हा को इसलिए कहते हैं वृंदावन बिहारी, तुलसी के बारे में जानें 7 रोचक FACTS

कान्हा को इसलिए कहते हैं वृंदावन बिहारी, तुलसी के बारे में जानें 7 रोचक FACTS

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-22 07:05 GMT
कान्हा को इसलिए कहते हैं वृंदावन बिहारी, तुलसी के बारे में जानें 7 रोचक FACTS

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यधिक पवित्र माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में भी इसका बखान किया गया है। प्रत्येक पवित्र काम या पूजा-पाठ में तुलसी के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में इसकी स्थापना होती है। वहां आध्यात्मिक उन्नति के साथ सुख शांति और समृद्धि स्वयं ही आती है। साथ ही इससे वातावारण में स्वच्छता और शुद्धता बढ़ती है। प्रदूषण पर नियंत्रण होता है और आरोग्य में वृद्धि होती है। यहां हम आपको तुलसी के पौधे से जुड़ी कुछ रोचक व महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं...

1. पद्म पुराण में ऐसे उल्लेख मिलता है कि जहां तुलसी (Tulsi) का एक भी पौधा होता है वहां त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) निवास करते हैं। 

2. तुलसी का एक नाम वृंदा है। प्राचीन भारत में मथुरा के आसपास कई योजन में फैला इसका एक विशाल वन था। जिसे वृन्दावन कहते थे। बताया जाता है कि तुलसी से स्नेह होने के कारण भगवान विष्णु कृष्णावतार में यहां विहार करने आते थे। इसलिए उनका एक नाम वृन्दावन बिहारी भी है। 

3. वृंदा में पतिव्रत धर्म की इतनी शक्ति थी कि अपने ही आराध्य को एक बार उसने पत्थर का बना दिया था और उन्हें पूर्व स्थिति में भी सिर्फ वही ला सकती थीं।

4. आयुर्वेद के अनुसार तुलसी औषधीय गुणों की दृष्टि से यह संजीवनी बूटी के समान माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी की पूजा-आराधना से व्यक्ति सदैव ही स्वस्थ्य एवं सुखी रहता है। 

5. हिन्दू धर्म में मान्यता है कि तुलसी के पौधे की जड़ में सभी तीर्थ मध्य भाग (तना) में सभी देवी-देवता और ऊपरी शाखाओं में सभी वेद यानी चारों वेद स्थित हैं। 

6. तुलसी के बगैर भगवान विष्णु की पूजा कभी भी पूर्ण नहीं मानी जाती। ऐसा वरदान स्वयं श्रीहरि ने वृंदा अर्थात तुलसी को दिया था। 

7. तुलसी के पत्ते को कभी भी सीधे दांत से नहीं चबाना चाहिए। इसे पहले जीभ में रखना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे खाना चाहिए। 

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