अर्ध कुंभ में नहीं लगेगी भांग पर रोक, सरकार ने दी इजाजत

अर्ध कुंभ में नहीं लगेगी भांग पर रोक, सरकार ने दी इजाजत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-12 05:02 GMT

डिजिटल डेस्क। कुंभ स्नान का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। इस दौरान भगवान शंकर की अराधना की जाती है। इस बार अर्ध कुंभ का आगाज 15 जनवरी को प्रयागराज में होने जा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है कि भगवान को भांग प्रसाद चढ़ाने पर रोक नहीं लगी है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के इस्तेमाल का समर्थन करती है जो कि इस आयोजन को दौरान नियमित तौर पर नागा साधुओं द्वारा इस्तेमाल होते हैं। इस पर सरकार का कहना है कि ये धार्मिक निष्ठा का कार्यक्रम है। हमारी सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है किसी को असुविधा नहीं हो। हम सुनिश्चित कर रहे है कि कुंभ भव्य हो और किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं हो। बता दें कि कुंभ मेले में देश व विदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं। पिछला कुंभ प्रयागराज में 2013 में आयोजित किया गया था। इस साल ये जनवरी से मार्च 2019 में आयोजित होगा। 

 

भगवान शिव को क्यों चढ़ाई जाती है भांग
भगवान महादेव को देवों के देव कहा जाता है। जितने भगवान दयालु हैं उतना ही उनके गुस्से को सभी लोग अच्छे से जानते हैं। कहा जाता है एक बार अगर भगवान शिव नाराज हो जाएँ तो उनको मनाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। धरती पर भूचाल आ जाता  है ,पर भगवान इतने कृपालु है की कोई भक्त उन्हें सच्चे मन से पूजा करता है उन्हें मनाने के लिए खुश करने के लिए तो वो आसानी से मान जाते है। भगवान भोलेनाथ को नशे के पदार्थ चढ़ाये जाते है जैसे धतूरा, भांग इत्यादि। इसके पीछे पुराण में एक कथा का वर्णन किया गया है । आइए जानते है उस कथा के बारे में...

देवता और असुरों के बीच समुद्रमंथन के लिए हुए युद्ध की कहानी प्रसिद्ध है ,लेकिन उस मंथन से निकले अमृत और विषपान की जब बात आई तो कोई भी विषपान करने के लिए सहमत नहीं हो रहा था। देवता और असुरों के बीच हुए इस मतभेद के बाद देवता और दैत्य दोनों गण भगवान् विष्णु के पास इस समस्या के  समाधान के लिए पहुंचे,भगवान नारायण ने तब भोलेनाथ शंकर का आह्वाहन किया ।

भगवान् शिव के वहां पहुंचते ही मंथन के बाद निकले अमृत और विष में से बचे हुए विष का सेवन संसार की सुरक्षा के लिए महादेव ने अपने गले में उतर लिया। मंथन के बाद निकले विष में सबसे अधिक में मात्रा में धतूरे और भांग थी।भगवान को भांग इसलिए भी चढ़ाई जाती है, क्योंकि भांग नशे का एक रूप है एवं बुराई का भी भगवान शिव को इस बात के लिए भी जाना जाता हैं कि इस संसार में व्याप्त हर बुराई और हर नकारात्मक चीज को अपने भीतर ग्रहण कर लेते हैं और अपने भक्तों की विष से रक्षा करते हैं। इसलिए भगवान भांग पसंद करते है। कुछ मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है , भगवान को भांग इसलिए भी चढ़ती है क्योंकि भांग ठंडी होती है और शिवजी का गुस्सा बहुत तेज होता है इसलिए उनके गुस्से को ठंडा करने के लिए भांग का प्रयोग करते है। भगवान शंकर हम सभी के जीवन की सभी बुराइयों और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करें ।

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