सिर्फ इस दिन खुलते हैं द्वार, 75 फीट दूर से होती है इस मंदिर में पूजा

सिर्फ इस दिन खुलते हैं द्वार, 75 फीट दूर से होती है इस मंदिर में पूजा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-14 06:58 GMT
सिर्फ इस दिन खुलते हैं द्वार, 75 फीट दूर से होती है इस मंदिर में पूजा

डिजिटल डेस्क, चमोली। ढेरों के आश्चर्यों और चमत्कारों की दुनिया में आज हम आपको सैर करवा रहे हैं एक ऐसे मंदिर की जहां पूजा तो की जाती है, लेकिन 75 फीट दूर खड़े होकर, सुनकर आश्चर्य होता है, किंतु ये सच है...

यह मन्दिर उत्तराखंड के चमोली जिले में देवाल नामक ब्लॉक में वांण नामक स्थान पर है और लाटू देवता की पूजा होने की वजह से देवस्थल लाटू मंदिर नाम से विख्यात है। इस मंदिर के नियम बड़े ही सख्त हैं। यहां पुजारी को भी आंख, नाक और मुंह पर पट्टी बांध कर देवता की पूजा करनी पड़ती है।  वहीं श्रद्धालु इस मंदिर परिसर से करीब 75 फीट की दूरी पर खड़े होकर ही पूजा करते हैं और मन्नतें मांगते हैं। 

विष्णु चण्डिका पूजा
श्रद्धालु और भक्त दिन भर दूर से ही लाटू देवता का दर्शन कर पुण्यभागी बनते हैं। लाटू देवता के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर यहां विष्णु सहस्रनाम और भगवती चंडिका पाठ का आयोजन किया जाता है। 

वैशाख पूर्णिमा पर खुलते हैं द्वार
इस मंदिर के कपाट साल में एक ही दिन वैशाख माह की पूर्णिमा को खुलते हैं और पुजारी आंख.मुंह पर पट्टी बांधकर कपाट खोलते हैं।   वांण गांव प्रत्येक 12 वर्षों पर होने वाली उत्तराखंड की सबसे लंबी पैदल यात्रा श्रीनंदा देवी की राज जात यात्रा का बारहवां पड़ाव है। 

विषैले हैं मणिधारी नागराज
कहा जाता है कि मंदिर के अंदर मणिधारी नागराज साक्षात मौजूद हैं। जिसे देखना किसी के लिए संभव नहीं, जिसने भी ऐसा प्रयास किया वह अंधा तक कर सकती है। नागजरात अत्यंत विषैले बताए गए हैं, जिसकी वजह से पुजारी नाक, मुंह, आंख पर पट्टी बांधते हैं भक्त 75 फीट दूर खड़े रहते हैं। 

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