विनायक चतुर्थी: इस विधि से करें विघ्नहर्ता बप्पा की पूजा, कष्टों से मिलेगी मुक्ति

विनायक चतुर्थी: इस विधि से करें विघ्नहर्ता बप्पा की पूजा, कष्टों से मिलेगी मुक्ति

Manmohan Prajapati
Update: 2021-07-13 05:59 GMT
विनायक चतुर्थी: इस विधि से करें विघ्नहर्ता बप्पा की पूजा, कष्टों से मिलेगी मुक्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य से पहले की जाती है। उन्हें प्रथम पूज्य कहा जाता है और बुधवार के दिन उनकी पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है। लेकिन चतुर्थी तिथि उनकी पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है, लेकिन सुबह साढ़े आठ बजे के बाद से चतुर्थी तिथि लग गई है। इस दिन विनायक चतुर्थी है और भक्त व्रत रखने के साथ ही भगवान गणेश की पूजा आराधना विधि विधान से करते हैं।

विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। आज दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक सिद्धि योग और सुबह से ही रवि योग बना हुआ है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस योग में पूजा करने से विशेष फल और ऊर्जा प्रदान होगी। आइए जानते हैं पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त...

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शुभ मुहूर्त
आज विशेष योग के अलावा दिनभर गणपति देव की पूजा आराधना की जा सकती है। आज सूर्यास्त शाम 06 बजकर 41 मिनट पर होगा, जबकि चंद्रास्त रात 09 बजकर 21 मिनट पर होगा।

पूजन विधि
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें। 
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। 
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं। इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
- इस दिन गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं। 
- मोदक का भोग लगाने से भी भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। 

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- संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं। 
- इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें।
- विनायक चतुर्थी की कथा सुनें अथवा सुनाएं। 
- गणपति की आरती करने के बाद प्रसाद का वितरण करें।

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